केपी कॉलेज के विद्यार्थियों को इंदौर का शैक्षणिक भ्रमण करवाया

देवास। कृष्णाजी राव पवार शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के वाणिज्य विभाग के द्वारा चयनित विद्यार्थियों के दल को इंटरनेशनल स्कूल आॅफ प्रोफेशनल स्टडीज (आई.आई.पी.एस. इन्दौर), देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर का शैक्षणिक/संस्थागत भ्रमण करवाया गया। मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग की विभिन्न महत्वाकांक्षी योजनाओं में से औद्योगिक भ्रमण भी एक गतिविधि है, जिसके माध्यम से विद्यार्थियों को फैक्ट्री, प्लांट, विपणन एवं वित्तीय एवं शैक्षणिक संस्थाओं का अवलोकन करवाया जाता है। इसी तारतम्य में महाविद्यालय के एम.कॉम., बी.कॉम. एवं बी.बी.ए. के लगभग 30 छात्र-छात्राओं के दल को महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.आरएस अनारे के मार्गदर्शन एवं वाणिज्य विभागाध्यक्ष डॉ.विद्या माहेश्वरी के निर्देशन में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर के खण्डवा रोड स्थित इंटरनेशनल स्कूल आॅफ प्रोफेशनल स्टडीज (आई.आई.पी.एस. इन्दौर), देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर का शैक्षणिक/संस्थागत भ्रमण करवाया गया। विद्यार्थियों के दल को विश्वविद्यालय के प्रांगण में स्थित फिजिकल एज्युकेशन विभाग के एथेलेटिक्स ट्रेक एवं बैडमिंटन हॉल में होने वाली गतिविधियों से अवगत करवाया गया। विश्वविद्यालय का एथेलेटिक्स ट्रेक पूर्णत: सिंथेटिक है और अंतर्राष्ट्रीय गतिविधियों के आयोजन हेतु निर्मित किया गया है, जो कि प्रदेश का एकमात्र ट्रेक है। इस 400 मीटर के ट्रेक पर विद्यार्थियों के दल में से एक विद्यार्थी मयंक चौहान ने दौड़ भी लगाकर देखी। इसके पश्चात विश्वविद्यालय के आॅडिटोरिम का विद्यार्थियों को अवलोकन करवाया गया। आई.आई.पी.एस. इन्दौर की प्राध्यापक डॉ.गीता शर्मा एवं डॉ.यामिनी करमरकर ने विद्यार्थियों को देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इन्दौर की एक लघु फिल्म दिखाकर विश्वविद्यालय का गौरवमयी इतिहास और भविष्य की योजनाओं को बताया। केपी कॉलेज के वाणिज्य विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ.विद्या माहेश्वरी ने संस्थान के निदेशक, प्राध्यापकों एवं समस्त टीम को आभार देते हुए कहा कि कोई भी कार्य एक दिन में सफल नहीं हो जाता, उसके पीछे कई लोगों और कई दिनों का योगदान होता है। किसी भी संस्थान की सफलता और असफलता का पूरा श्रेय वहां के प्राध्यापकों और विद्यार्थियों को जाता है। डॉ.मनोज मालवीय ने कहा कि केपी कॉलेज नैक से ए ग्रेड प्राप्त है और आईआईपीएस ए प्लस ग्रेड प्राप्त है, इसी अंतर के कारण को जानने और कमियों को दूर करने के लिए यह एक भ्रमण है।
इस भ्रमण से हमने बहुत कुछ यहां से सीखा और इस सीखे हुए को हम भविष्य में अपने संस्थान के लिए प्रयोग करेंगे।
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