2016 से 2025 के बीच विज्ञापन, प्रचार और इवेंट के मद में हुए व्ययों को लेकर सवाल उठे
ब्रह्मास्त्र भोपाल
हाई कोर्ट के निर्देश पर राज्य लोकायुक्त संगठन ने जनसंपर्क विभाग से जुड़े करीब 3200 करोड़ रुपए के खर्च की प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज की है। यह जांच पूर्व लांजी विधायक किशोर समरीते की याचिका के आधार पर की जा रही है। इसमें 2016 से 2025 के बीच जनसंपर्क विभाग द्वारा विज्ञापन, प्रचार और इवेंट के मद में हुए व्ययों को लेकर सवाल उठाए गए हैं।
याचिका में दावा है कि इन वर्षों में विभाग ने जिन एजेंसियों और कंपनियों को कार्य सौंपा, उसमें सीवीसी गाइडलाइंस और निविदा प्रक्रिया का पालन नहीं हुआ। याचिका में सुविधा एंटरप्राइजेज, लोटस एंटरप्राइजेज, एपी एंटरप्राइजेज, विजन फोर्स एंटरप्राइजेज, व्यू एंड सोनिक, रुद्राक्ष एंटरप्राइजेज, विजन प्लस एंटरप्राइजेज के नाम शामिल हैं।
ल्ल 2016-18 का भुगतान : इस अवधि में विजन फोर्स एंटरप्राइजेज को 730 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।
ल्ल 2019 में नया टेंडर : 2019 में विभाग ने एक नया टेंडर जारी किया, जिसमें 7 कंपनियों ने आवेदन किया। कार्य व्यापक एंटरप्राइजेस को सौंपा गया, पर कंपनी के मालिक छत्तीसगढ़ में ब्लैकलिस्ट होने के कारण उन्हें कार्यादेश जारी नहीं किया गया।
ल्ल 2018-2025 की प्रक्रिया : विभाग ने पूर्व से पंजीकृत (एम्पेनल्ड) कंपनियों को कार्य देना जारी रखा। याचिका में कहा गया है कि इस दौरान 2520 करोड़ रुपए का भुगतान इन्हीं कंपनियों को किया गया।
ल्ल हाई कोर्ट के आदेश पर लोकायुक्त पुलिस ने प्रारंभिक जांच की शुरूआत कर दी है। इसमें दस्तावेजों की वैधता, कार्यादेश जारी करने की प्रक्रिया, भुगतान की स्थिति और निविदा शर्तों की जांच की जाएगी। अभी किसी संस्था या अधिकारी के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।