फिल्मों पर टिप्पणी के लिए भाजपा नेताओं की जुबां बंद

प्रधानमंत्री मोदी की नसीहत के बाद गृहमंत्री ने फिल्म के सवाल पर साधी चुप्पी

भोपाल। फिल्मों पर अक्सर प्रतिक्रिया देने वाले मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने ‘गांधी-गोडसे एक युद्ध’ के सवाल पर चुप्पी साध ली। बुधवार को मीडिया ने जब उनसे इस फिल्म पर सवाल किया तो वे अपना कान पकड़ते दिखे। दोबारा जब उनसे यही सवाल किया गया तो वे आंख पर हाथ फेरते हुए अन्य मुद्दों पर बात करने लगे।
दरअसल, दिल्ली में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पार्टी नेताओं को गैरजरूरी बयानबाजी पर लगाम लगाने की नसीहत दी है। पीएम मोदी ने पार्टी नेताओं को कहा कि मुसलमानों और फिल्मों पर अनावश्यक बयानबाजी नहीं करें। पीएम मोदी की सार्वजनिक तौर पर दी गई नसीहत के बाद मप्र में कांग्रेस ने भाजपा नेताओं पर तंज कसना शुरू कर दिया है। कांग्रेस ने मंत्री नरोत्तम मिश्रा, रामेश्वर शर्मा और मंत्री विश्वास सारंग का नाम लेते हुए कहा कि यही बयानबाजी करते हैं।

प्रधानमंत्री का हर शब्द हमारे लिए शिरोधार्य: नरोत्तम

शाहरुख-दीपिका स्टारर मूवी पठान और इससे पहले भी दूसरी फिल्मों को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दे चुके गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने प्रधानमंत्री के बयान के बाद चुप्पी साध ली। भोपाल में गृहमंत्री से जब पत्रकारों ने प्रधानमंत्री द्वारा फिल्मों पर बेवजह बयानबाजी से बचने की नसीहत को लेकर सवाल पूछा, तो गृहमंत्री ने कहा- उन्होंने (मोदी) किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका हर शब्द हमारे लिए शिरोधार्य है। सारे कार्यकर्ता वहां से प्रेरणा लेकर आए हैं।

नजरिया…

फिल्म वाले खुद भी करवाते हैं नेगेटिव पब्लिसिटी ताकि मिले मुफ्त में प्रचार

अक्सर यह देखने में आया है कि अपनी फिल्मों को हिट करवाने के लिए आजकल फिल्म निर्माता- निर्देशक जानबूझकर नेगेटिव पब्लीसिटी करवाते हैं। वह जानबूझकर ऐसे दृश्यों को सामने लाते हैं, ताकि उन पर लोग उंगली उठाएं और विवाद बढे। इससे उन्हें बगैर ढेला भी खर्च किए मुफ्त में पब्लिसिटी मिल जाती है। यह फैशन की तरह एक चलन में आ गया है। ऐसे में यदि कोई मंत्री या बड़े नेता स्वाभाविक रूप से विरोध करते हैं तो पब्लिसिटी का स्तर और अधिक बढ़ जाता है। लोग फिल्म को देखने सिर्फ इसलिए जाते हैं कि आखिर क्या है इसमें।