उज्जैन। चरक भवन में सोमवार सुबह हंगामा हो गया, वृद्ध की मौत के बाद परिजनों ने डॉक्टर और स्टाफ पर लापरवाही के आरोप लगाये। स्थिति बिगड़ने पर पुलिस पहुंची और हंगामा शांत कराया। परिजन बिना पोस्टमार्टम के शव लेकर रवाना हो गये।
राजीव रत्न कॉलोनी नीलगंगा क्षेत्र से अनिल पिता लक्ष्मण कछावा 55 साल को परिजन साथ लेने में हो रही दिक्कत के चलते चरक अस्पताल लेकर पहुंचे थे। डॉक्टर ने परीक्षण के बाद ऑब्जरवेशन वार्ड में भर्ती कर ऑक्सीजन सपोर्ट दिया। कुछ देर बाद हालात और बिगड़ने लगी जिसके चलते डॉक्टर ने आईसीयू में भर्ती करने की बात कही। वृद्ध को लिफ्ट के माध्यम से आईसीयू में शिफ्ट किया जाता उससे पहले ही वृद्ध अनिल की मौत हो गई। परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया। चरक अस्पताल में भर्ती मरीज और उपचार के लिए आने वाले मरीज हंगामा देख हैरत में पड़ गए। डॉक्टर और स्टाफ ने परिजनों को समझने का प्रयास किया लेकिन स्थिति बिगड़ने लगी। मामले की खबर मिलते ही कोतवाली थाना सीएसपी राहुल देशमुख, उपनिरीक्षक गोपाल राठौर और पुलिस बल चरक अस्पताल पहुंच गया। करीब आधे घंटे की मशक्कत के बाद मामला शांत किया गया। सीएसपी ने परिजनों को कहा कि अगर डॉक्टर और स्टाफ की गलती है तो पोस्टमार्टम कर लिया जाए, लेकिन परिजन तैयार नहीं हुए और शव अंतिम संस्कार के लिए घर लेकर रवाना हो गए।
पुत्र बोला क्यों हटाया ऑक्सीजन
अनिल कछावा की मौत के बाद हंगामा कर रहे परिजनों में शामिल पुत्र चंदन का कहना था कि पिता को सर्दी जुकाम के बाद सांस लेने में दिक्कत हुई थी जिसके चलते अस्पताल लेकर आए थे। डॉक्टर ने ऑक्सीजन लगा दिया था, हालत बिगड़ने पर आईसीयू में शिफ्ट करने की बात कही और ऑक्सीजन सपोर्ट हटा दिया, ऊपरीप मंजिल पर आईसीयू में ले जाने के दौरान लिफ्ट भी काफी देर से आई, जिसके चलते पिता की मौत हुई है। स्टाफ और डॉक्टरों की लापरवाही थी। जिसके चलते पिता अब नहीं रहे।
