2003 की मतदाता सूची में नाम तलाशना बनाम रुई के ढेर में सुई तलाशने जैसा इतना भी आसान नहीं पिछली एसआईआर में नाम तलाशना -पिछले 20-22 वर्षों में घर बदलने वाले,पलायन करने वालों के लिए बना परेशानी

उज्जैन। एसआईआर फार्म भरने को लेकर उन्हें कोई परेशानी नहीं है जो पिछले 23 सालों से एक ही स्थान पर निवास कर रहे हैं। परेशानी उन्हें आ रही है जिन्होंने इन बीते वर्षों में अपने मकान बार-बार बदले एवं पलायन की स्थिति में अन्य शहरों में निवास कर रहे हैं। ऐसे लोगों को पिछले मतदाता पूनरीक्षण 2003 की सूची में नाम तलाशना बनाम रूई के ढेर में सुई तलाशने जैसा काम करना पड रहा है।

एसआईआर 2025 में मतदाताओं से जो जानकारी मांगी गई है उसे पूर्ण करने में धुरंधरों तक के पसीने छूट रहे हैं। सबसे बड़ी परेशानी वर्ष 2003 की मतदाता सूची में नाम तलाशने को लेकर सामने आई है। इसके लिए लोग दर-दर भटक रहे हैं। प्रतिदिन सैकड़ो लोग यहां पहुंचकर अपना नाम तलाश रहे हैं। कोई खुश होकर लौट रहा है तो किसी के हाथ मायूसी लग रही है। जो मतदाता पिछले 25 सालों से एक ही पते पर निवास कर रहे हैं, एसआइआर भरने में उन्हें किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो रही है। सबसे अधिक समस्या 2005 के बाद विवाह कर आने वाली युवतियों के साथ हो रही है।

बाहर जाने वालों के पसीने छूट रहे-

विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर शहर छोडकर सालों पहले बाहर बस चुके लोगों के हाल बेहाल हो रहे हैं। उनके माता-पिता के नाम यहां पर दर्ज थे। तत्कालीन दौर में उनका मतदान केंद्र जो था उसके बाद उसी क्षेत्र में मतदान केंद्रों की संख्या में भी वृद्धि हुई है। ऐसे में दुसरे शहर में उन्हें अपना फार्म भरने के लिए माता-पिता की जानकारी के लिए जमकर मशक्कत करना पड रही है। वर्ष 2003 की मतदाता सूची में गहन रूप से अध्ययन के बाद भी नाम मिलना मुश्किल हो रहा है। ऐसे ही एक मतदाता जो कि पूर्व में शहर के वार्ड 42 ऋषिनगर में निवास करते थे और अब देवास के निवासी हैं के अनुसार उस समय यह वार्ड 42 था अब यह वार्ड 50 हो गया है। ऐसे में सूची से नाम ढुंढने में पूरा जोर लग गया। दो से तीन पार्षदों से मदद लेने के बाद 8-10 दिन की मशक्कत से पिता का नाम मिल सका। फॉर्म भरने में सबसे अधिक परेशानी उन लोगों को आ रही है जिन्होंने बार बार अपने मकान बदले हैं। या जिनके कुछ वर्षों के अंतराल में तबादले होते रहते हैं। ऐसे लोगों को यह तक नहीं पता कि वर्ष 2003 में उनका नाम कहां की मतदाता सूची में दर्ज था। नाम तलाशने के लिए प्रतिदिन सैकडो लोग पहुंच रहे है।

ये भी परेशानी-

सर्वर बहुत ज्यादा व्यस्त होने से 2003 की वोटर लिस्ट का लिंक आसानी से नहीं खुल रहा। सर्वर बहुत धीमा चल रहा, इसलिए एप अटक अटक कर चल रहा है। कई क्षेत्रों में मतदान केंद्र बढ़ गए तो कुछ कम भी हो गए। ऐसे में मतदाताओं को ढूंढना मुश्किल हो रहा। कई नहीं मिल रहे। 2003 से अब तक शहर काफी बदल गया है, ऐसे में बीएलओ को वोटर तक पहुंचने में परेशानी आ रही। ढूंढना पड़ रहा है। 40 साल से ज्यादा वाले मतदाताओं के पिता और दादा का नाम कई बार एप नहीं ले रहा, मिसमैच का मैसेज आ रहा। डेटा अपलोड करने के दौरान एप रिलेशन लिंकिंग एरर बता देता है। फार्म भरने के बाद एन्यूमरेशन फॉर्म अपलोड करने के लिए कई बार कोशिश करना पड़ रहा है। इसमें कई बार तो बहुत अधिक समय लग रहा।

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