अवैध तरीके से खोला था अस्पताल, बिना डिग्री करती थी उपचार गिरफ्त में आई 2 नवजात शिशु के मौत केस में फरार महिला डॉक्टर

उज्जैन। बिना डिग्री अवैध क्लिनीक खोलकर 2 नवजात शिशु की मौत के मामले में फरार चल रही कथित महिला डॉक्टर को 2 माह बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। 6 माह के दौरान हुई दोनों शिशुओं की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने मामला जांच में लेकर पुलिस को शिकायत दर्ज कराई थी।
पंवासा थाना प्रभारी गमरसिंह मंडलोई ने बताया कि 26 सितंबर और 6 अक्टूबर को पंड्याखेड़ी में क्लिनीक के साथ अस्पताल संचालित करने वाले डॉ. तैय्यबा शेख पति अमर कुशवाह के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग की जांच पूरी होने पर धारा 61, 125, 105 बीएनएस, म.प्र. राज्य आयुर्विज्ञान परिषद एक्ट की धारा 24, म.प्र. उपचार्य गृह तथा रजोपचार्य संबंधि स्थापनाएं (पंजीकरण तथा अनज्ञापन) अधिनियम 1973 संशोधन अधिनियम 2008  की धारा 3, म.प्र. चिकित्सा संस्था( नियंत्रण) अधि. 1973 की धारा 8 (2) के तहत केस दर्ज किया था। महिला डॉक्टर लगातार फरार चल रही थी, जिसकी गिरफ्तारी के प्रयास लगातार किये जा रहे थे। शुक्रवार को सूचना मिली की फरार कथित डॉक्टर जानसापुरा में दिखाई दी है। एसआई संतोष राव, सावित्री कटारा, प्रधान आरक्षक विनोद ठाकुर, आरक्षक अमर, पंकज पाटीदार,बृजेन्द्र भारती के साथ जानसापुरा पहुंचे। सर्चिंग के दौरान उक्त फरार आरोपिया एक गली में दिखाई दी, जिसने पंवासा थाना पुलिस की टीम को देख भागने का प्रयास किया लेकिन घेराबंदी कर महिला एएसआई सावित्री कटारा ने हिरासत में ले लिया। जिसे थाना लाकर पूछताछ के बाद शनिवार को न्यायालय में पेश कर जेल भेजा गया है। थाना प्रभारी के अनुसार मामले में जांच जारी है, पूछताछ में डॉ. तैय्यबा शेख से कुछ जानकारी मिली है। जिसके आधार पर कुछ ओर गिरफ्तारी की जा सकती है।
सीएमएचओं से इन्होने की थी शिकायत
चिंतामण जवासिया केरहने वाले लखन मालवीय ने 6 अक्टूबर को शिकायत की थी कि  उसकी पत्नी काजल गर्भवती थी। जीवाजीगंज अस्पताल लेकर गया था। जहां से आशा कार्यकर्ता और दाई ने पांड्याखेड़ी स्थित डा. तैय्यबा शेख के आशीर्वाद अस्पताल भेजा था। डॉ. शेख ने चेकअप के बाद बताया था कि बच्चा पूरा विकसीत नहीं हुआ है। उसने गर्भपात क लिये समीप विशेष अस्पताल में भर्ती किया था, जहां इंजेक्शन लागने के बाद पत्नी की हालत बिगड़ गई थी। वहां से निजी अस्पताल ले जाने पर पत्नी ने नार्मल डिलेवरी के दौरान विकसीत शिशु को मृत अवस्था में जन्म दिया था। इससे पहले 9 मार्च को डॉ. तैय्यबा की शिकायत ग्राम दत्तोतर मंडी के रहने वाले अशोक मालवीय ने करते हुए बताया था कि भांजी माला गर्भवती थी उसे डिलेवरी के परिचित नर्स एकता के कहने पर पांड्याखेड़ी लेकर पहुंचे थे। जहां डॉ. शेख ने सामान्य डिलेवरी के लिये क्लीनिक में भर्ती किया था। रात में माला की डिलेवरी हुई लेकिन तैय्यबा ने उन्हे चरक अस्पताल भेज दिया। जहां डॉक्टरों ने शिशु को मृत घोषित कर दिया था।
जांच के लिये बनाई डॉक्टरों की टीम
डॉ. तैय्यबा शेख की 2 शिकायत और दोनों में नवजात शिशुओं की मौत के मामले में सामने आने पर सीएमएचओ ने जांच के लिये जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जितेन्द्र राजपूत, माधवनगर अस्पताल प्रभारी डॉ. विक्रम रघुवंशी, शिशुरोग विशेषज्ञ डॉ. प्रदीप कुमार सोमेश की टीम बनाई थी। पांड्याखेड़ी क्लिनीक और विशेष अस्पताल की जांच में सामने आया था कि डॉ. शेख के पास डिग्री नहीं है, क्लिनीक और अस्पताल बिना अनुमति संचालित किया जा रहा है। मेडिकल स्टोर भी खोल लिया गया है। जांच रिपोर्ट के बाद सीएमएचओ डॉ. अशोक पटेल के जांच प्रतिवेदन के आधार पर पुलिस ने डा. तैय्यबा शेख के खिलाफ केस दर्ज किया था।

Share:

संबंधित समाचार

Leave a Comment