मध्यप्रदेश सरकार का गोलमोल आदेश स्वीकार नहीं, किसान संघ: किसानों को फंसाया और उलझाया तो किसान फिर से आंदोलन की राह पर जाएगा

ब्रह्मास्त्र उज्जैन

भारतीय किसान संघ के विरोध के बाद सोमवार को हुई वार्ता में मध्य प्रदेश लैंड पूलिंग एक्ट वापस लेने के बाद मंगलवार सुबह उज्जैन में किसान संघ ने जश्न मनाया था। लेकिन बुधवार को गजट नोटिफिकेशन जारी होने के बाद किसान संघ ने सरकार के वार्ता में किये गए वादे से मुकरने का आरोप लगाते हुए एक बार फिर प्रदर्शन की बात कही है।

भारतीय किसान संघ ने एक प्रेस नोट जारी करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश सरकार के नगरीय विकास व आवास विभाग के द्वारा जारी आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष कमल सिंह आंजना ने कहा कि सरकार से वार्ता में किसान संघ ने लिखित पत्र देकर स्पष्ट किया था कि सिंहस्थ क्षेत्र में लैंड पूलिंग एक्ट समाप्त हो। उज्जैन सिंहस्थ क्षेत्र से नगर विकास योजना (टीडीएस 8,9,10,11) लैंड पूलिंग एक्ट का गजट नोटिफिकेशन रद्द किया जाए व पूर्व की तरह सिंहस्थ आयोजित किया जाए। उज्जैन में किसानों पर दर्ज मुकदमे वापिस लिए जाए और सिंहस्थ क्षेत्र में कोई भी स्थाई निर्माण न हो।

आंजना ने बताया कि सरकार से बात धारा खत्म करने की थी, उनके जारी आदेश में कहे नियम तो उलझाने की बात है। सरकार से प्रतिनिधि मंडल की जो बात हुई थी, उसमें लैंड पूलिंग एक्ट निरस्त होना था। यानि स्कीम 8,9,10 और 11 खत्म करके धारा 50 (1) को निरस्त करना था। जो संशोधन किया गया है, उससे तो लगता है कि किसानों को फंसाया और उलझाया जा रहा है। यदि ऐसा हुआ तो किसान संघ फिर से अपनी पुरानी आंदोलन वाली व्यवस्था पर चला जाएगा। जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। हमारी शुरू से मांग रही है कि जैसा सिंहस्थ पूर्व में होता रहा है, वैसे ही किया जाए। टीएनसीपी धारा 50, 12(क) किसानों को मंजूर नहीं है। इससे लगता है कि सरकार की मंशा लैंड पूलिंग कानून को निरस्त करने की दिशा में ठीक नहीं है।

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