पंचायत पदाधिकारियों के खिलाफ की जाने वाली शिकायतों की जांच में लीपापोती

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अधूरी रिपोर्टों को लेकर लोकायुक्त संगठन ने नाराजगी जताई

उज्जैन। पूरे प्रदेश के साथ ही उज्जैन जिले में  भी  पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में योजनाओं की भरमार है। इस कारण विभाग में अनियमितताएं भी अधिक होती हैं। ऐसे में जिला और जनपद पंचायतों के सीईओ, जिला पंचायत अध्यक्षों, पंचायत अधिकारियों, कर्मचारियों और पंचायत पदाधिकारियों के खिलाफ की जाने वाली शिकायतों की जांच में लीपापोती और अधूरी रिपोर्टों को लेकर लोकायुक्त संगठन ने नाराजगी जताई है।

लोकायुक्त की इस नाराजगी के बाद पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने लोकायुक्त से संबंधित शिकायतों की जांच के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर तैयार की है। विभाग ने निर्देश दिया है कि आगे से सभी जांच इसी एसओपी के आधार पर की जाए और रिपोर्ट उसी प्रारूप में प्रस्तुत की जाए। लोकायुक्त की नाराजगी के बाद अब लोकायुक्त के प्रकरणों में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मजबूती से अपना पक्ष रखेगा। इसके लिए विभाग ने मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की है। इसके तहत जैसे ही शिकायत प्राप्त होगी, उसका अध्ययन कराकर यह. तय किया जाएगा कि जांच में कौन-कौन से बिंदु शामिल किए जाने हैं। यदि मामला तकनीकी है तो विषय विशेषज्ञ को भी जांच दल में रखा जाएगा। दरअसल, यह देखने में आता है कि लोकायुक्त कार्यालय से विभाग को जांच के लिए जो शिकायतें प्राप्त होती हैं, उन पर जिलों से भिन्न-भिन्न प्रकार के अस्पष्ट एवं अपूर्ण प्रतिवेदन प्राप्त होते हैं। इससे लोकायुक्त के समक्ष शासन स्तर से जवाब प्रस्तुत करने में कठिनाई होती है। कई बार लोकायुक्त की नाराजगी भी झेलनी पड़ती है। ऐसी स्थिति आगे निर्मित न हो इसके लिए जांच की पूरी प्रक्रिया का ही निर्धारण कर दिया है। प्रदेश में ग्रामीण विकास के काम हर क्षेत्र में चल रहे हैं। प्रधानमंत्री जनमन योजना आने के बाद आदिवासी बहुल क्षेत्रों में अधोसंरचना विकास के काम बढ़ गए हैं। प्रधानमंत्री आवास से लेकर नल जल योजनाओं का काम चल रहा है। इनको लेकर शिकायतें भी खूब होती हैं। लोकायुक्त संगठन में होने वाली शिकायतों पर विभाग से जांच प्रतिवेदन मांगा जाता है। विकेंद्रीकृत व्यवस्था होने के कारण विभाग जिलों से जानकारी मांगता है जो ठीक से प्राप्त नहीं होती। इसे लेकर लोकायुक्त संगठन वरिष्ठ अधिकारियों को बुलाते हैं और कई बार नाराजगी भी जताते इसे देखते हुए व्यवस्था में सुधार विभाग ने यह पहल की है।

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