बता दें, मध्य प्रदेश साइबर मुख्यालय ने महिलाओं-बच्चों के विरुद्ध साइबर यौन अपराध करने वालों को पकडऩे के लिए 10 अक्टूबर से छह नवंबर तक ऑपरेशन नयन चलाया था, जिसमें जनवरी, 2024 से अब तक आईं 833 शिकायतों की जांच में 50 में एफआईआर दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। देश में पहली बार इस तरह का अभियान चलाया गया। अपराध में उपयोग 65 इंटरनेट मीडिया यूआरएल, 45 ई-मेल आईडी, 60 मोबाइल नंबरों की पहचान कर ब्लॉक कराया गया है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा प्रकाशित भारत में अपराध 2023 रिपोर्ट में, साइबर अपराध से संबंधित हिस्से ने सबसे ज्यादा चौंका दिया और चिंता पैदा की। साइबर अपराध से संबंधित अपराध के आंकड़े साल-दर-साल चौंकाने वाले रहे, जिनमें पंजीकृत अपराधों में 31.2 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई। कुल साइबर अपराधों की संख्या 65,893 (2022) से बढक़र 86,128 (2023) हो गई, जिनमें सबसे ज्यादा अपराध ऑनलाइन पैसे की धोखाधड़ी, यौन शोषण और पहचान की चोरी के थे (एनसीआरबी, पृष्ठ 392)। इन चौंका देने वाले आंकड़ों ने नागरिकों के उस संदेह की पुष्टि की, जो पहले से ही संदेहास्पद था कि भारत में रहने का डिजिटल अर्थशास्त्र रोजमर्रा की जिंदगी के लिए तेजी से बढ़ता, असुरक्षित माहौल है। रिपोर्ट में बताए गए अन्य आंकड़ों के पीछे एक और कहानी भी थी, संस्थागत रिपोर्टिंग की कमी, नौकरशाही की खामोशी और एक ऐसा खालीपन जहां ऑनलाइन दुष्प्रभाव कानूनी मदद का रास्ता नहीं ढूंढ पाता। ये आंकड़े वृद्धि और ठहराव, दोनों को दर्शाते हैं।
