लैंड पुलिंग योजना के लिए खिलचीपुर गांव के एक ही परिवार के 3 किसान 200 बीघा जमीन देने को तैयार

किसान संघ आज विधायक, सांसद, प्रशासन को लैंड पुलिंग के विरोध में डोल बजाकर ज्ञापन देगा

खिलचीपुर से गयाकोठा रास्ते पर इंदिरानगर के सामने वाली है सिंहस्थ क्षेत्र की जमीन

 

ब्रह्मास्त्र उज्जैन

भारतीय किसान संघ एवं किसान संघर्ष समिति के विरोध के बीच सरकार की लैंड पुलिंग योजना को आधार मिल गया है। सिंहस्थ क्षेत्र अंतर्गत खिलचीपुर गांव के एक ही परिवार के तीन कृषक 200 बीघा (40 हेक्टेयर) जमीन देने को तैयार हैं और उन्होंने इसकी सहमति दे दी है। यह जमीन खिलचीपुर चौराहे से गयाकोटा जाने वाले मार्ग पर इंदिरा नगर के सामने वाले हिस्से में हैं। इधर भारतीय किसान संघ सोमवार को विधायक, सांसद के घर एवं विक्रमादित्य प्रशासनिक संकुल में लैंड पुलिंग के विरोध में डोल बजाकर ज्ञापन देने पहुंचेगा।

सिंहस्थ लैंड पुलिंग योजना को लेकर भारतीय किसान संघ के विरोध के बीच सरकार की योजना को खिलचीपुर के एक ही परिवार के तीन कृषकों राजाराम पटेल, महेश आंजना एवं जितेन्द्र पटेल का समर्थन मिला है और उन्होंने अपनी कुल 412 बीघा जमीन में से 200बीघा जमीन योजना में देने पर सहमति दे दी है। यह जमीन खिलचीपुर चौराहा से गयाकोठा जाने वाले मार्ग पर इंदिरा नगर के सामने वाले हिस्से से लगी हुई है। किसान महेश आंजना बताते हैं कि शुरूआत में चर्चाओं के बीच, अब योजना की बारीकियां समझी है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की यह दूरदर्शी पहल है। हमने कृषि भूमि लैंड पूलिंग योजना में शामिल करने के लिए लिखित सहमति दे दी है। दो गुना मुआवजा मिलेगा,जिससे आसपास कहीं भी जमीन खरीद लेंगे। अभी यहां प्रति हेक्टेयर 22 लाख की गाइड-लाइन है। उन्होंने कहा कि लैंड पूलिंग किसानों के लिए बेहतर साबित होगी। पहले अस्थाई निर्माण के कारण खेत खराब हो जाते थे, जिससे फसलों के उत्पादन में कमी आती थी। उनके साथ ही राजाराम पटेल, जितेन्द्र पटेल ने भी अपनी जमीन देने की सहमति दे दी है। खिलचीपुर के ही अन्य कृषक भी योजना के पक्ष की बात कर रहे हैं।

योजना में कुल 2378 हेक्टेयर जमीन
सिंहस्थ लैंड पुलिंग योजना विकास प्राधिकरण संचालित कर रहा है। इस योजना के लिए कुल 2378 हेक्टेयर यानिकी करीब 12 हजार बीघा जमीन का अधिग्रहण किया जाने के लिए किसानों को नोटिस दिए गए हैं। करीब 1500 से 1700 किसानों की जमीन इसमें आ रही है। इसे लेकर किसानों की आपत्ति लगी हुई है। प्रशासन की और से यह कहा जा रहा है कि यह योजना पूरी तरह से ऐच्छिक है और केवल सहमति देने वाले किसानों की भूमि ही इसमें ली जाएगी। योजना के तहत किसानों की जमीन पर सिंहस्थ क्षेत्र में सडक, बिजली, पानी, सिवरेज जैसी मूलभूत सुविधा का स्थाई निर्माण कर दिए जाएंगे।

ल्ल जो किसान अपनी जमीन दे रहे हैं मात्र उनकी जमीन पर ही विकास कार्य हों। जिनकी सहमति नहीं उनकी जमीन भी नहीं। एक ही परिवार के किसान हैं। हमारा विरोध है और रहेगा। सिंहस्थ सनातन का पर्व है पूर्ववत ही आयोजित किया जाए। सोमवार को हम मालवा प्रांत के 18 जिलों में ज्ञापन विरोध में देंगे।-कमलसिंह आंजना,
प्रांताध्यक्ष, भारतीय किसान संघ, उज्जैन
ल्ल लैंड पुलिंग के विरोध को लेकर जिला स्तर पर सोमवार को दोपहर में विधायक, सांसद के निवास कार्यालय पर पहुंचकर डोल बजाकर ज्ञापन देंगे। इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों को संकुल पहुंचकर डोल बजाकर ज्ञापन दिया जाएगा।
-बहादुरसिंह आंजना,
जिलाध्यक्ष, भारतीय किसान संघ, उज्जैन

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