उज्जैन। उज्जैन संभाग के मंदसौर –नीमच जिले के गांधीसागर अभ्यारण्य में चीतों के कुनबे का विस्तार होने वाला है। अभी यहां दो नर एवं एक मादा चीता हैं। हाल ही में दो दिन पूर्व यहां दक्षिण अफ्रीका की टीम का भ्रमण हुआ है। टीम ने लौटने से पूर्व यहां की व्यवस्था को सराहा है।गौरतलब है कि भारत में चीता परियोजना के तहत 8 और चीते भारत आने वाले हैं। इसमें से अधिकांश के लिए गांधीसागर को ही देखा जा रहा है।
साल 2022 में परियोजना के तहत चीते लाए गए थे। अभी भारत में चीतों की कुल संख्या 27 हैं, जिनमें 16 भारतीय धरती पर पैदा हुए हैं। इनमें से 24 कुनो राष्ट्रीय पार्क में और 03 गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में रह रहे हैं। अब तीसरे बैच के रूप में नामीबिया से 8 चीते जल्द ही भारत आने वाले हैं। चीतों के तीसरे बैच के लिए पहले से ही बाड़े और सुविधाएं तैयार हैं।
दक्षिण अफ्रीका की टीम ने किया दौरा
05 सदस्यीय दक्षिण अफ्रीकी प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को कुनो राष्ट्रीय उद्यान के क्षेत्र भ्रमण के बाद मध्य प्रदेश के मंदसौर और नीमच जिलों की सीमा पर स्थित गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य का दौरा किया है। मंदसौर के वनमंडलाधिकारी संजय रायखेरे इस बात की स्वीकारोक्ति करते हैं कि दक्षिण अफ्रीकी टीम गुरूवार को आई थी और अभ्यारण्य में ही रहते हुए शुक्रवार को यहां से लौटने से पूर्व उसने यहां की व्यवस्था एवं चीतों के लिए किए गए कार्यों को सकारात्मक स्थिति के साथ सराहना की है। प्रतिनिधिमंडल में दक्षिण अफ्रीका के एंथनी मिशेल, काम चेट्टी, सैम फरेरा, ब्रेंट कवरडेल, एज़ेमवेलो और जीनेटा सेलियर के साथ चीता परियोजना से जुड़े भारत के कुछ अधिकारी भी शामिल थे। इधर विभागीय सूत्रों के अनुसार करीब 8 चीता तीसरे बैच में भारत को मिलने की स्थिति बन गई है और संभावित तौर पर अगले दो माह में चीता भारत ले आए जाएंगे। इन्हें गांधी सागर में ही रखा जाएगा और चीतों के कुनबे को बढाया जाएगा।
धीरा ने प्रवास एवं पावक को नजरअंदाज रखा-
गांधी सागर वन्यजीव अभ्यारण्य में कूनों से प्रथम बार में नर चीता प्रवास एवं पावक को लाया गया था। इसके बाद यहां तीन माह बाद मादा चीता धीरा को छोडा गया था। इसके पीछे उद्देश्य चीतों के कुनबे को बढावा देना रहा था ,लेकिन पिछले माहों में मिलन का सीजन होने के बाद भी धीरा ने प्रवास एवं पावक को नजरअंदाज ही रखा है उन्हें बहुत ज्यादा नजदीकी से परे ही रखा है। ऐसे में वन विभाग के बीट कर्मचारी अभी यहां कुनबे के बढने को लेकर शंकित हैं। आने वाले समय मे अगर यहां 8 चीता और लाए जाते हैं तो ऐसे में यहां कुनबा तेजी से बढने की सभी प्रकार की व्यवस्था एवं घास के भरपूर मैदान होने के साथ उनका पसंदीदा खाना कृष्णमृग होने से यह सकारात्मक स्थितियों को जन्म देगा।
अभी चीतों की कुल संख्या 27-
कभी भारत से समाप्त हो चुकी प्रजाति एक बार पून: मध्यप्रदेश में विस्तार पा रही है। 17 सितंबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नामीबिया से लाए गए 08 चीतों को कुनो राष्ट्रीय उद्यान के एक विशेष बाड़े में छोड़ा था, बाद में फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीता आयात किए गए। चीता महत्वाकांक्षी पुनरुद्धार कार्यक्रम के 03 साल बाद अब मध्यप्रदेश में 27 चीते हैं। भारत में जन्मे 10 शावक विभिन्न कारणों से मर चुके हैं, जबकि कुनो में अब तक 26 शावक पैदा हो चुके हैं।
