मुआयना करने पहुंचे मिडिया के समक्ष कमिश्नर एवं कलेक्टर से कृषक की मुआवजे को लेकर बात प्रशासन ने सेवरखेडी-सिलारखेडी के साथ खान क्लोज डक्ट का काम दिखाया,शेष पर जानकारी दी

उज्जैन। सिंहस्थ 2028 को लेकर चल रही तैयारियों का मंगलवार को प्रशासन ने मिडिया को अवलोकन करवाया। इसके तहत ग्राम कल्याणपुरा में सेवरखेडी बैराज निर्माण के साथ चंदुखेडी में खान क्लोज डक्ट के कार्य का अवलोकन करवाया गया। बैराज निर्माण कार्य स्थल पर प्रभावित किसान भी पहुंचा था और उसने जमीन अधिग्रहण के मुआवजे को लेकर अपनी बात प्रशासन के समक्ष रखने के साथ ही पत्रकारों के समक्ष भी रखी।

उज्जैन में आयोजित सिंहस्थ मार्च से मई 2028 तक चलेगा जिसमें 3 अमृत स्नान और 7 पर्व स्नान होंगे। सिंहस्थ 2028 में 30 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु आने का अनुमान है। अमृत पर्व के दौरान लगभग 2.5 करोड़ श्रद्धालुओं के मोक्षदायिनी शिप्रा नदी में स्नान करने की संभावना है। शिप्रा को प्रवाहमान बनाए रखने के लिए प्रशासन ने सेवरखेडी –सिलारखेडी योजना पर अमल किया है।

परियोजना 614.53 करोड़ रुपये की लागत से विकसित की जा रही है। यह परियोजना सिंहस्थ के आयोजन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण सिद्ध होगी, और इसका कार्य करीब 46 प्रतिशत पूर्ण होना बताया गया। मौके पर सिंहस्थ मेला अधिकारी एवं संभागायुक्त के साथ कलेक्टर रोशन कुमार सिंह की उपस्थिति में कार्यपालन यंत्री जलसंसाधन विभाग मयंकसिंह ने बताया कि परियोजना के अंतर्गत सेवरखेड़ी में एक बैराज का निर्माण किया जा रहा है। जिसके माध्यम से मानसून के दौरान 51 मिली घन मीटर जल को लिफ्ट (उद्वहन) कर सिलारखेड़ी जलाशय में प्रवाहित किया जाएगा। दो माह वाटर लिफ्टिंग की जाना होगी। शेष समय में ग्रेविटी से ही काम चलेगा। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य वर्षा ऋतु में क्षिप्रा नदी के जल को सिलारखेड़ी जलाशय में एकत्रित कर, आवश्यकता अनुसार पुनः क्षिप्रा नदी में प्रवाहित करना है। मई 2026 से इसके भरने का काम भी किया जाना तय है। इसमें करीब 1800 एमसीएफटी जल संग्रहण होगा। कल्याणपुरा गांव में जहां यह काम चल रहा है उसके  जमीन मालिक भी यहां पहुंचे थे। कृषक योगेन्द्रसिंह पंवार ने यहां अपनी बात रखते हुए मुआवजे पर प्रश्न उठाया एवं प्रशासन के अधिकारियों के समक्ष अपनी बात रखी। कृषक पंवार ने कहा कि बैराज प्रोजेक्ट एवं पंपिंग सिस्टम के लिए उनकी करीब 1 हेक्टेयर जमीन ली गई है। आठ माह से काम चल रहा है। कुछ समय पूर्व ही धारा 21 का नोटिस अधिगृहण के लिए दिया है। यहां जमीन की गाईड लाईन 6 लाख रूपए हेक्टेयर है ऐसे में उन्हें दुगनी कीमत भी मिली तो उसमें दुसरी जगह जमीन तो ठीक प्लाट मिलना मुश्किल होगा।गांव में जमीन का कम रकबा है। परिवार ज्यादा हैं। जमीनें कम हैं।उनके अनुसार विक्रम उद्योगपुरी के विशेष पैकेज के तहत उन्हें जमीन अधिग्रहण की राशि दी जाए।

इसके उपरांत मिडिया को चंदुखेडी में कान्ह डायवर्शन क्लोज़ डक्ट परियोजना का अवलोकन करवाया गया। सिंहस्थ के आयोजन से पहले उज्जैन की मोक्षदायिनी शिप्रा नदी को गंदे पानी से प्रदूषण मुक्त रखने के लिए ‘क्लोज डक्ट योजना’ पर 919 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है।

इस योजना के अंतर्गत 30 किलोमीटर लंबी कान्ह डायवर्सन योजना का कार्य प्रगति पर है। इसमें 18 किलोमीटर लंबी गहरी कट एंड कवर (नहर) का निर्माण किया जा रहा है, साथ ही 12 किलोमीटर लंबी एक टनल भी बनाई जाएगी।इस परियोजना के पूर्ण होने के पश्चात, पूरे वर्ष शिप्रा नदी में स्वच्छ जल का प्रवाह सुनिश्चित किया जाएगा। कार्यपालन यंत्री मयंकसिंह ने बताया कि परियोजना में 39 फीसदी काम हो चुका है। समयपूर्व यह काम कर लिया जाएगा। इसमें खान नदी का पानी गंभीर के डाउन स्ट्रीम में छोडा जाएगा।

शिप्रा के घाट से 5 किमी दायरे में पार्किंग-

इंदौर रोड की निजी होटल में पत्रकारों को संबोंधित करते हुए कलेक्टर ने बताया कि शिप्रा नदी पर 30 किलोमीटर के घाट बनाए जा रहे हैं। सिंहस्थ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए तीन स्तरीय पार्किंग बनाई जाना है। इसके तहत किसी भी स्तर की पार्किंग घाटों से 5 किलोमीटर से अधिक दूर नहीं होगी। पार्किंग स्थलों से श्रद्धालुओं के आवागमन का ट्रांसपोर्ट प्लान भी तैयार किया जा रहा है। शिप्रा नदी के समानांतर एम. आर. 22 सड़क निर्माण कार्य किया जा रहा है। मास्टर प्लान रोड एम. आर. 22 की चौड़ाई 30 मीटर निर्धारित की गई है, जिसकी कुल लागत 193.3 करोड़ रुपये है। यह सड़क क्षिप्रा नदी के पश्चिमी भाग पर सिंहस्थ बायपास से मेला क्षेत्र को जोड़ते हुए, नदी के किनारे स्थित मंदिरों (शनि मंदिर, भूखी माता मंदिर, रणजीत हनुमान मंदिर, कालभैरव मंदिर) और सभी घाटों को आपस में जोड़ेगी। इसके अलावा, सिंहस्थ महापर्व के दौरान इस मार्ग का उपयोग बस रैपिड ट्रांजिट (BRT) के रूप में भी किया जा सकेगा। सिंहस्थ 2028 की तैयारियों में कुल 19 नवीन पुलों एवं आर.ओ. बी. का निर्माण किया जाना है, जिसमे 14 नदी पुल एवं 5 रोड ओवर ब्रिज सम्मिलित है। इनकी अनुमानित लागत ₹440.13 करोड़ रुपये है। शिप्रा नदी के किनारे 29 किलोमीटर लंबे नए घाटों का निर्माण कार्य किया जा रहा है, जिसकी कुल लागत 778 करोड़ रुपये है। इसके साथ ही, 9 किलोमीटर लंबे स्थायी घाटों के उन्नयन का कार्य भी चल रहा है, जिसकी अनुमानित लागत 120 करोड़ रुपये है। अनुमान है कि इस व्यवस्था के तहत 24 घंटे में लगभग ढाई करोड़ श्रद्धालु स्नान कर सकेंगे।

सिंहस्थ 2028 जीरो वेस्ट इवेंट होगा –

सिंहस्थ महाकुंभ, 2028 को “जीरो वेस्ट इवेंट” बनाने का निर्णय लिया है, जिसका उद्देश्य पर्यावरण की सुरक्षा और सतत विकास को बढ़ावा देना है।

  1. कचरा प्रबंधन प्रणालीः आयोजन स्थल पर कचरे के सही वर्गीकरण के लिए विशेष डस्टबिन लगाए जाएंगे। जैविक, प्लास्टिक और अन्य प्रकार के कचरे के लिए अलग-अलग संग्रहण की व्यवस्था की जाएगी।
  2. सामुदायिक भागीदारीः स्थानीय निवासियों और श्रद्धालुओं को जागरूक करने के लिए कार्यशालाएँ और सेमिनार आयोजित किए जाएंगे। स्वयंसेवकों की भर्ती की जाएगी जो इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेंगे।
  3. पुनः उपयोग और पुनर्चक्रणः खाने-पीने की सामग्री के लिए पुनः प्रयोग योग्य बर्तनों का प्रावधान किया जाएगा। रीसाइक्लिंग केंद्रों की स्थापना की जाएगी ताकि कचरे का सही निपटान हो सके।
  4. प्रौद्योगिकी का उपयोगः स्मार्ट बिन्स और डिजिटल प्लेटफार्म का उपयोग कर कचरे की मात्रा पर
Share:

संबंधित समाचार

Leave a Comment