महाकाल मंदिर में फुलझड़ी जलाकर मनाया गया देवउठनी ग्यारस पर्व

महाकाल मंदिर में फुलझड़ी जलाकर मनाया गया देवउठनी ग्यारस पर्व

आरती में बाबा का हरि के स्वरूप में श्रृंगार, शुभ कार्यों की हुई पुनः शुरुआत

उज्जैन। भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन में शनिवार शाम देवउठनी ग्यारस (छोटी दीपावली) का पर्व श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया। इस अवसर पर महाकाल मंदिर में विशेष श्रृंगार किया गया और संध्या आरती के दौरान फुलझड़ी जलाकर भगवान महाकाल की पूजा-अर्चना की गई।

इस दिन भगवान विष्णु के जागरण का पर्व माना जाता है। इसी परंपरा के अनुसार मंदिर में बाबा महाकाल का भांग और आभूषणों से हरि (विष्णु) स्वरूप में श्रृंगार किया गया। पुजारियों ने विशेष आरती के दौरान फुलझड़ी जलाकर आरती उतारी, जिससे पूरा मंदिर परिसर दीपमालाओं और प्रकाश से जगमगा उठा।

श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़, गूंजे जयकारे

संध्या आरती के समय बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। भक्तों ने बाबा महाकाल के दर्शन कर आशीर्वाद लिया और “जय श्री महाकाल” के जयकारों से वातावरण भक्तिमय हो गया।

देवउठनी एकादशी का धार्मिक महत्व

मान्यता है कि देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु चार माह की योगनिद्रा से जागते हैं। इस दिन के बाद से शुभ कार्य, विवाह, गृहप्रवेश और धार्मिक अनुष्ठान पुनः प्रारंभ हो जाते हैं।
महाकाल मंदिर में इस अवसर पर तुलसी विवाह भी मनाया गया, जो देवउठनी पर्व का एक प्रमुख अंग है।

भक्तों का विश्वास है कि इस दिन की आरती के दर्शन से सभी कार्य सिद्ध होते हैं और जीवन में मंगल फल प्राप्त होता है।

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