भोपाल स्थित लेब में राज्य भर का भार, 60-90 दिन लग रहे रिपोर्ट में खाद्य सामग्री: सेंपल लेना आसान -रिपोर्ट मिलना मुश्किल -14 दिन में मिलने वाली रिपोर्ट 40 दिन में नहीं मिल रही

उज्जैन। त्यौहारी दौर में खाद्य प्रशासन विभाग ने जमकर सेंपलिंग की लेकिन अब उसे की गई सेंपलिंग का लंबा इंतजार करना पड रहा है। हालत यह है कि 14 दिन में मिलने वाली रिपोर्ट 40 दिनों में भी नहीं मिल पा रही है। इसके पीछे कोई लापरवाही नहीं बल्कि राज्य स्तरीय भोपाल लेब में राज्य भर से पहुंचने वाले सेंपल एवं जांच में लगने वाला समय कारण है। इसके चलते रिपोर्ट मिलने में करीब 60-90 दिन तक लग रहे हैं।

दशहरा एवं दीपावली के त्यौहार के दिनों में  खाद्य प्रशासन विभाग के निरीक्षकों ने खाद्य पदार्थों के जमकर सैंपल लिए हैं। विभागीय नियमानुसार इन सैंपलों को जांच के लिए विधान पूर्वक भोपाल स्थित राज्य प्रयोगशाला में भेज दिया गया। अब विभागीय निरीक्षक भेजे गए सैंपलों की जांच रिपोर्ट का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। वैसे स्थिति यह सामने आ रही है कि सितंबर माह में भेजे गए सैंपलों की जांच रिपोर्ट अब आ रही हैं।

उपभोक्ता का नुकसान-

 जांच रिपोर्ट आने की अवधि 14 दिन है। लेकिन, अब तक सितंबर माह में भेजे गए सैंपल की रिपोर्ट ही नहीं आई है। ऐसे में सवाल उठता है कि यदि त्योहार के चंद रोज पहले लिए सैंपल की रिपोर्ट बाद में विक्रेता के खिलाफ आ गई तो उपभोक्ताओं को कुछ फायदा नहीं होगा। उलटे वे तो मिलावटी सामान का उपयोग कर सेहत बिगाड़ चुके होंगे।

इस प्रकार है पूरी प्रक्रिया-

खाद्य पदार्थों के सैंपल की जांच की प्रक्रिया बहुत लंबी है। सैंपल कलेक्ट करने के बाद उसे राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला भेजा जाता है। नियमानुसार 14 दिन की समयावधि में रिपोर्ट आ जाना चाहिए। लेकिन, इसमें एक महीने या उससे अधिक वक्त लग रहा है। रिपोर्ट में मिलावट की पुष्टि के बाद संबंधित फर्म या दुकानदार को नोटिस भेजा जाता है। इसमें उसे दोबारा जांच कराने का एक और मौका मिल जाता है। इसके लिए महीने भर का समय तय है। इस जांच-पड़ताल में 3 से 6 महीने लग जाते हैं। लैब की रिपोर्ट सीएमएचओ को प्रस्तुत करने के बाद चालान पेश करने की अनुमति मिलती है।

ये हैं सजा के प्रावधान-

इसमें एडीएम कोर्ट से सब स्टैंडर्ड मामले में अधिकतम 2 लाख रुपए और मिस ब्रांड मामले में 3 लाख रुपए तक जुर्माने का प्रावधान है। स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होने की स्थिति में मामला कोर्ट पहुंचता है। सैंपल असुरक्षित पाए जाने की स्थिति में धारा 59 के तहत 6 माह के कारावास का भी प्रावधान है।

-पिछले कुछ समय से रिपोर्ट मिलने में विलंब है। न्यायालय ने इस मामले में प्रावधान दे रखे हैं,उसी अनुसार कार्रवाई होती है।

-बसंत दत्त शर्मा,वरिष्ठ निरीक्षक खाद्य प्रशासन ,उज्जैन

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