भांग श्रृंगार विवाद: कोर्ट जाएंगे महाकाल मंदिर के पुजारी
पुजारियान समिति ने पूर्व कमिश्नर पर लगाया आरोप, कहा – परंपराओं और मान-सम्मान को ठेस पहुंची
उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर में भांग श्रृंगार गिरने के बाद उठे विवाद ने अब नया मोड़ ले लिया है। महाकाल मंदिर पुजारियान समिति ने इस मामले में पूर्व कमिश्नर और विद्वत परिषद अध्यक्ष डॉ. मोहन गुप्त पर गंभीर आरोप लगाते हुए कोर्ट जाने का ऐलान किया है।
पुजारियों ने लगाया छवि बिगाड़ने का आरोप
समिति की ओर से महेश पुजारी ने सभी पुजारियों की तरफ से डॉ. गुप्त को पत्र लिखकर कहा कि उन्होंने भांग चढ़ाने और श्रृंगार करने की परंपरा को शास्त्र विरोधी बताया है, जबकि शास्त्रों में इसका उल्लेख मौजूद है। पत्र में कहा गया है कि “आपने पुजारियों पर मोटी रकम लेकर परंपरा के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया है, जिससे हमारे मान-सम्मान को ठेस पहुँची है।”
मानहानि का केस और FIR की चेतावनी
पुजारियों ने चेतावनी दी है कि अगर डॉ. गुप्त सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगते हैं तो उनके खिलाफ मानहानि का केस दर्ज कराया जाएगा। साथ ही FIR दर्ज कराने की भी बात कही गई है। महेश पुजारी ने कहा – “यह मिथ्या आरोप है, इनके पास कोई प्रमाण नहीं है। हमने उन्हें चुनौती दी थी, पर उन्होंने जवाब नहीं दिया। अब हम कोर्ट का सहारा लेंगे।”
विवाद की पृष्ठभूमि
18 अगस्त को महाकाल मंदिर में भगवान शिव का भांग श्रृंगार अचानक गिर गया था। इसका वीडियो वायरल होने के बाद मंदिर प्रशासन ने पुजारी प्रदीप गुरु को नोटिस थमाया था। इसके बाद डॉ. मोहन गुप्त ने इसे शास्त्रविरोधी बताते हुए भांग श्रृंगार बंद करने की मांग की थी। उनका कहना था कि भांग से शिवलिंग को नुकसान होता है और इसे बड़ी मात्रा में केवल आर्थिक लाभ के लिए चढ़ाया जा रहा है।
अब बढ़ गया विवाद
जहाँ विद्वत परिषद भांग श्रृंगार को बंद करने की मांग कर रही है, वहीं पुजारियान समिति परंपरा के समर्थन में खड़ी है। अब यह विवाद धार्मिक परंपरा बनाम वैज्ञानिक/शास्त्रीय व्याख्या का रूप ले चुका है और अदालत तक पहुँचने की तैयारी है।
