आबीर गुलाल फिल्म भारत में रिलीज नहीं होगी

बॉलीवुड और अंतरराष्ट्रीय फिल्म इंडस्ट्री के दर्शकों में उत्सुकता का केंद्र बनी रोमांटिक फिल्म आबीर गुलाल भारत में रिलीज नहीं होगी। यह फिल्म 12 सितम्बर को इंटरनेशनल स्तर पर रिलीज हो चुकी है और दुनिया के कई देशों में इसे शानदार प्रतिक्रिया मिल रही है। फिल्म के प्रमुख कलाकारों में पाकिस्तानी अभिनेता फवाद खान और बॉलीवुड अभिनेत्री वाणी कपूर शामिल हैं। दोनों की जोड़ी को लेकर लंबे समय से चर्चाएं हो रही थीं और फिल्म की रिलीज का भारतीय दर्शकों को बेसब्री से इंतजार था, लेकिन अब साफ हो गया है कि फिलहाल भारत में इसका प्रदर्शन नहीं होगा। प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो यानी ढकइ ने स्पष्ट कर दिया है कि इस फिल्म को भारतीय सिनेमाघरों में रिलीज करने की कोई मंजूरी नहीं दी गई है।

ल्ल फिल्म की घोषणा के बाद से ही भारत में इसके रिलीज को लेकर असमंजस बना हुआ था। दर्शकों के मन में यह सवाल बार-बार उठ रहा था कि क्या पाकिस्तान के कलाकारों को लेकर बनी यह फिल्म भारतीय सेंसर बोर्ड से हरी झंडी पा सकेगी या नहीं। रिलीज की संभावित तारीखें भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही थीं और कुछ रिपोर्ट्स में कहा जा रहा था कि यह फिल्म 26 सितम्बर को भारत में रिलीज होगी। लेकिन पीआईबी ने इस तरह की तमाम अटकलों को खारिज करते हुए साफ किया है कि फिल्म को लेकर कोई आधिकारिक अनुमति जारी नहीं की गई है।
ल्ल फिल्म आबीर गुलाल को लेकर भारतीय दर्शकों में विशेष उत्साह था क्योंकि इसमें पहली बार फवाद खान और वाणी कपूर को एक साथ देखा जा रहा है। दोनों कलाकारों की आॅन-स्क्रीन केमिस्ट्री के पोस्टर और ट्रेलर ने दर्शकों का ध्यान खींचा था। खासतौर पर फवाद खान की लोकप्रियता भारतीय दर्शकों में बेहद मजबूत है। उन्हें पहले भी फिल्म कपूर एंड सन्स और खूब्सूरत में दर्शकों का अपार प्यार मिला था। वहीं वाणी कपूर को लेकर यह माना जा रहा था कि यह फिल्म उनके करियर का एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है।

ल्ल फिल्म का ट्रेलर रिलीज होते ही सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगा था। दर्शक इसकी लोकेशन, संगीत और संवादों की खूब तारीफ कर रहे थे। कहानी प्रेम और सामाजिक जटिलताओं के इर्द-गिर्द घूमती है और इसे लेकर कहा जा रहा था कि यह एक संवेदी और गहराई से बुनी हुई रोमांटिक फिल्म है। लेकिन अब जब भारत में इसके रिलीज पर रोक की घोषणा हो गई है तो दर्शकों की निराशा साफ झलक रही है। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि वे इस फिल्म को सिनेमाघरों में देखने के लिए बहुत उत्साहित थे लेकिन अब उन्हें ओटीटी प्लेटफॉर्म का इंतजार करना पड़ेगा।

ल्ल इस फैसले के पीछे राजनीतिक और सांस्कृतिक पहलुओं को भी जोड़ा जा रहा है। भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से चले आ रहे तनाव के कारण दोनों देशों की फिल्म इंडस्ट्री के सहयोग प्रोजेक्ट अक्सर विवादों में घिर जाते हैं। कुछ साल पहले भी पाकिस्तानी कलाकारों को लेकर काम करने पर बैन लगाने जैसी स्थिति बन चुकी थी। यही वजह है कि जब आबीर गुलाल की घोषणा हुई थी, तभी से यह सवाल उठने लगा था कि क्या यह फिल्म भारतीय सेंसर से पास हो पाएगी। पीआईबी का बयान इसी आशंका की पुष्टि करता है कि फिलहाल भारतीय सरकार ने इस फिल्म को लेकर अनुमति नहीं दी है।

ल्ल फिल्म व्यापार जानकारों का कहना है कि भारत जैसे बड़े बाजार में रिलीज न होने से फिल्म की कमाई पर असर पड़ सकता है। भारत में फवाद खान और वाणी कपूर दोनों के ही प्रशंसकों की संख्या काफी बड़ी है और यह फिल्म बॉक्स आॅफिस पर अच्छे कलेक्शन की उम्मीद कर रही थी। इंटरनेशनल मार्केट में भले ही फिल्म अच्छा प्रदर्शन कर रही हो, लेकिन भारतीय सिनेमाघरों से दूरी इसके राजस्व को सीमित कर सकती है। फिल्म की प्रोडक्शन टीम इस फैसले को लेकर फिलहाल चुप्पी साधे हुए है, लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में वे इस मुद्दे पर अपना आधिकारिक रुख सामने रखेंगे।

ल्ल सोशल मीडिया पर इस खबर को लेकर बहस तेज हो गई है। एक वर्ग का कहना है कि कला को राजनीति से अलग रखा जाना चाहिए और दर्शकों को बेहतरीन सिनेमा से वंचित नहीं किया जाना चाहिए। वहीं दूसरी ओर कुछ लोग इसे सही कदम बता रहे हैं और कह रहे हैं कि ऐसे समय में जब भारत और पाकिस्तान के रिश्ते संवेदनशील मोड़ पर हैं, तब किसी पाकिस्तानी कलाकार की फिल्म को भारत में रिलीज करना उचित नहीं होगा। दोनों पक्षों की राय में गहरा अंतर देखने को मिल रहा है और यह विवाद अब और बढ़ सकता है।

ल्ल भारतीय फिल्म जगत के कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि अगर फिल्म को ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज करने की अनुमति मिल जाए तो दर्शकों की निराशा कुछ हद तक कम हो सकती है। आज के दौर में डिजिटल माध्यमों पर फिल्में आसानी से दर्शकों तक पहुंच रही हैं और कई बार सिनेमाघर न मिलने पर निमार्ता यही रास्ता चुनते हैं। हालांकि इस पर भी सरकारी मंजूरी की जरूरत होगी और अभी तक इस बारे में कोई औपचारिक घोषणा नहीं हुई है।
ल्ल फिल्म के निर्देशक ने इंटरव्यू में कहा था कि आबीर गुलाल एक ऐसी कहानी है जो सीमाओं से परे जाकर प्रेम और इंसानियत की बात करती है। उनका मानना था कि दर्शक इस फिल्म को सिर्फ एक रोमांटिक कहानी के रूप में नहीं बल्कि समाज और संस्कृति से जुड़े एक संवेदनशील संदेश के रूप में भी देखेंगे। लेकिन भारत में रिलीज न होने की स्थिति में यह संदेश यहां के दर्शकों तक नहीं पहुंच पाएगा।

अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि आगे क्या होगा। क्या यह फिल्म भविष्य में भारत में रिलीज हो पाएगी या दर्शकों को इसे सिर्फ अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म्स पर ही देखना होगा, यह समय ही बताएगा। फिलहाल इतना तय है कि इस खबर ने लाखों दर्शकों की उम्मीदों को धक्का दिया है और एक बार फिर कला और राजनीति के बीच की खाई को उजागर कर दिया है।

 

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