इंदौर में शव वाहन सुविधा में सुधार: चार नए वाहन, दो पहुँचे, सरकारी अस्पतालों के मरीजों के लिए निशुल्क सेवा

इंदौर में शव वाहन सुविधा में सुधार: चार नए वाहन, दो पहुँचे, सरकारी अस्पतालों के मरीजों के लिए निशुल्क सेवा

इंदौर में शव वाहन व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए शासन ने हाल ही में चार नए शव वाहन स्वीकृत किए हैं। इनमें से दो वाहन शहर में पहुँच चुके हैं, जबकि बाकी दो जल्द ही आ जाएंगे। ये वाहन आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं, जिनमें बेहतर स्ट्रेचर और बैठने की व्यवस्था शामिल है।

यह सेवा विशेष रूप से सरकारी अस्पतालों के लिए उपलब्ध होगी। यदि किसी मरीज की मृत्यु सरकारी अस्पताल में होती है, तो उसका शव इंदौर नगरीय सीमा के भीतर उसके घर तक निशुल्क पहुँचाया जाएगा। हालांकि, इन वाहनों का उपयोग पोस्टमॉर्टम संबंधी शवों के परिवहन के लिए नहीं किया जाएगा।

पिछले कुछ समय से इंदौर में शव वाहनों की कमी महसूस की जा रही थी। सरकारी अस्पतालों जैसे एमवायएच और जिला अस्पताल में इस सेवा की अनुपलब्धता से लोगों को परेशानी हो रही थी। वहीं, निजी शव वाहन चालकों द्वारा ऊँचे किराए की वसूली और विवाद की स्थितियाँ भी सामने आती रही हैं। कुछ एनजीओ लंबे समय से यह सेवा निःशुल्क दे रहे हैं, लेकिन बढ़ती जरूरत को देखते हुए नए सरकारी शव वाहनों की आवश्यकता बनी हुई थी।

सीएमएचओ डॉ. माधव हसानी ने बताया कि दो नए शव वाहन अभी पहुँचे हैं, जिनमें से एक जिला अस्पताल और दूसरा देपालपुर ग्रामीण क्षेत्र में संचालित होगा। ये वाहन केवल नगरीय सीमा के भीतर ही चलेंगे। एमवायएच सुपरिटेंडेंट डॉ. अशोक यादव के अनुसार, एमवायएच में भी जल्द ही शव वाहन उपलब्ध होंगे, जिससे धार, झाबुआ, अलीराजपुर, खंडवा, खरगोन जैसे जिलों से आने वाले मरीजों के परिजनों को भी राहत मिलेगी।

संचालन व्यवस्था:

  • इन शव वाहनों के लिए एम्बुलेंस 108 की तरह एक विशेष हेल्पलाइन नंबर जारी किया जाएगा।

  • यह सुविधा 24 घंटे उपलब्ध रहेगी।

  • केवल सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीज की मृत्यु पर नगरीय सीमा के भीतर शव परिवहन निशुल्क होगा।

  • विशेष परिस्थितियों में निजी अस्पतालों से शव परिवहन पर शासन की गाइडलाइन के अनुसार रियायती दर लागू होगी।

इस नई पहल से उम्मीद है कि इंदौर में शव वाहन सेवा की कमी काफी हद तक दूर होगी और परिजनों को आर्थिक व मानसिक राहत मिलेगी।

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