उज्जैन। श्री महाकालेश्वर भगवान की आज पांचवी सवारी निकलेगी चांदी की पालकी में चंद्रमौलेश्वर, हाथी पर मनमहेश, गरुड़ रथ पर श्री शिवतांडव, नन्दी रथ पर श्री उमा महेश और डोल रथ पर श्री होलकर स्टेट के मुखारविंद शामिल होकर भक्तों को दर्शन देने निकलेंगे। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवान पालकी में विराजित भगवान को सलामी देंगे। उसके बाद सवारी नगर भ्रमण पर निकलेगी। वहीं सवारी में जनजाति समूह के कलाकार नृत्य प्रस्तुत करते हुए शामिल होंगे।
परंपरागत मार्ग से निकलेगी सवारी
सवारी परंपरागत मार्ग कोट मोहल्ला, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए शिप्रा तट तक पहुंचेगी। यहां पुजारी शिप्रा के जल से भगवान का अभिषेक कर पूजा अर्चना करेंगे। पूजन पश्चात सवारी सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार से होते हुए पुनः श्री महाकालेश्वर मंदिर आएगी।सवारी के साथ मध्यप्रदेश के धार्मिक पर्यटन स्थलों की झांकियां भी शामिल होंगी। इनमें श्री राजाराम लोक ओरछा, मां बगलामुखी माता मंदिर, मां शारदा शक्तिपीठ मैहर और देवीलोक मां श्री बिजासन माता धाम सलकनपुर की प्रतिकृतियां प्रदर्शित की जाएंगी।
जनजातीय नृत्य भी होगा
इसके अलावा चार जनजातीय कलाकारों के दल भी प्रस्तुति देंगे। बैतूल से गौण्ड जनजातीय ठाट्या नृत्य, खजुराहो से कछियाई लोक नृत्य, दमोह से बधाई लोक नृत्य और डिण्डोरी के गेडी जनजातीय नृत्य की प्रस्तुतियां आकर्षण का केंद्र होंगी। यह भाद्रपद माह की पहली और क्रम अनुसार पांचवी सवारी है।
