मध्य प्रदेश: महिलाओं के जरिए कफ सिरप तस्करी का जाल, पुलिस मिलीभगत भी उजागर
नेटवर्क की हकीकत
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बनारस (यूपी) से मध्य प्रदेश के रीवा तक कफ सिरप की खेप पहुंचाई जा रही है। एक ही वाहन में 15–20 पेटियां आती हैं, जिन्हें सुबह 4 से 7 बजे के बीच कबाड़ी मोहल्ले की पुलिया पर उतारा जाता है।
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इस खेप को दो महिला तस्कर संभालती हैं — एक माल उतारती है, दूसरी पैसे लेती है। यह काम इतनी चतुराई से होता है कि दो मिनट में गाड़ी खाली, और तीन मिनट में वापस निकलता है।
Dainik Bhaskar
पुलिस की मिलीभगत
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तस्कर “संजू” ने खुलकर बताया कि पुलिस इसका सहयोग करती है —
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आरक्षक “जितेंद्र” (हाल ही में गढ़ थाना में तैनात)
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चौरहटा थाने के कांस्टेबल “शिवाजीत”
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वे पहले इलाके में घूमकर देखते हैं, फिर गाड़ी आने पर मैसेज कर एंट्री कराते हैं।
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यदि दबाव आए, तो गिरफ्तारी भी दिखाकर रिहा कर दिया जाता है।
पैसे की बारिश
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इस कारोबार में पैसा बहुत है।
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“निधि” नाम की एक महिला ने सिर्फ एक साल में 1 करोड़ रुपये कमाए।
सप्लाई के मार्ग
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स्पॉट जांच के दौरान भास्कर टीम ने दो मार्ग पहचान लिए:
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हाईवे की बजाय कच्चे रास्तों के जरिए बाइपास तक
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सतना, सीधी, सिंगरौली होते हुए रीवा
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हाईवे पर एक बोलेरो गाड़ी, जिसके पीछे कफ सिरप जैसी पेटियां थीं, वीडियो में कैद हुई
निष्कर्ष
यह मामला दिखाता है कि नशे की तस्करी केवल आपराधिक प्रवृत्ति नहीं है—बल्कि पुराने नेटवर्क और स्थानीय शक्ति संरचना द्वारा संरक्षित अपराध बन चुका है।
पुलिस की साजिश और बड़े पैमाने पर महिलाओं की संलिप्तता इसे चुनौतीपूर्ण बनाती है।
