होस्टल खाली कराने के आदेश के खिलाफ डॉ. आंबेडकर विद्यार्थी संगठन ने सौंपा ज्ञापन

इंजीनियरिंग छात्रों का कलेक्टर कार्यालय पर प्रदर्शन:

होस्टल खाली कराने के आदेश के खिलाफ डॉ. आंबेडकर विद्यार्थी संगठन ने सौंपा ज्ञापन

उज्जैन | 23 जुलाई 2025
शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज उज्जैन के प्रथम वर्ष के छात्रों को होस्टल खाली करने के आदेश से आक्रोशित विद्यार्थियों ने मंगलवार को कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर प्रदर्शन किया। उन्होंने प्रशासन से आदेश निरस्त करने और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।


📜 क्या है मामला?

कॉलेज प्राचार्य डॉ. जेके श्रीवास्तव ने हाल ही में एक पत्र जारी कर प्रथम वर्ष के छात्रों को होस्टल खाली करने का निर्देश दिया है।
ये वही छात्र हैं जिन्होंने पिछले वर्ष ही होस्टल में प्रवेश लिया था और अब दूसरे सेमेस्टर की परीक्षाएं भी दे चुके हैं।

छात्रों का कहना है:

“हममें से अधिकतर सामान्य या निम्नवर्गीय परिवारों से आते हैं। पढ़ाई के बीच अचानक कहां जाएंगे? कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं दी गई।”


👥 प्रदर्शन की अगुवाई

प्रदर्शन का नेतृत्व डॉ. आंबेडकर विद्यार्थी संगठन (DAVS) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राम सोलंकी ने किया।
करीब 22 छात्रों ने संयुक्त रूप से ज्ञापन सौंपा और कहा कि बिना वैकल्पिक आवासीय व्यवस्था के यह आदेश अन्यायपूर्ण है।


🧾 छात्रों की मांगें:

  • होस्टल खाली कराने का आदेश तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए

  • जब तक वैकल्पिक व्यवस्था न हो, छात्रों को पुराने होस्टल में रहने दिया जाए

  • मामले की उच्चस्तरीय जांच कर दोषियों पर कार्रवाई हो


🏚️ प्राचार्य की सफाई

प्राचार्य डॉ. जेके श्रीवास्तव का कहना है:

“पुराना होस्टल भवन जर्जर है और PWD द्वारा अनुपयोगी घोषित किया जा चुका है। कॉलेज में सिर्फ 24 कमरों वाला एक नया होस्टल ही बचा है। उसमें हर साल करीब 400 नए छात्रों के प्रवेश के कारण जगह की समस्या बनी रहती है।”

प्राचार्य ने यह भी कहा कि:

“पिछले वर्ष एडमिशन के समय छात्रों को स्पष्ट रूप से बताया गया था कि उन्हें केवल एक वर्ष के लिए होस्टल आवंटित किया जा रहा है। अब वे उस बात से पलट रहे हैं।”


📊 यथार्थ स्थिति vs प्रशासनिक मजबूरी

पक्ष तर्क
छात्रों का अचानक होस्टल खाली करना अमानवीय, वैकल्पिक व्यवस्था नहीं
प्राचार्य का भवन की स्थिति खराब, सीटों की सीमित संख्या, पहले से जानकारी दी गई

🔍 अब आगे क्या?

कलेक्टर कार्यालय में ज्ञापन सौंपने के बाद उम्मीद है कि प्रशासन इस मुद्दे पर संज्ञान लेगा।
यदि कोई समाधान नहीं निकला तो छात्र आंदोलन तेज करने की चेतावनी दे चुके हैं।

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