इंदौर के कार्टूनिस्ट को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम राहत विवादित कार्टून में पीएम मोदी और आरएसएस को “अशोभनीय” तरीके से दिखाने का आरोप

इंदौर के कार्टूनिस्ट को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम राहत

विवादित कार्टून में पीएम मोदी और आरएसएस को “अशोभनीय” तरीके से दिखाने का आरोप

इंदौर/नई दिल्ली | 16 जुलाई 2025

इंदौर के चर्चित कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय को सुप्रीम कोर्ट से गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक मिल गई है। मंगलवार को हुई सुनवाई में जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस अरविंद कुमार की बेंच ने कहा कि फिलहाल गिरफ्तारी नहीं होगी, लेकिन अगली सुनवाई अगस्त में होगी।


🔎 क्या है पूरा मामला?

हेमंत मालवीय ने मई 2025 में एक विवादित कार्टून सोशल मीडिया पर साझा किया था।
इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को आपत्तिजनक रूप में दर्शाया गया था।
कार्टून में एक आरएसएस स्वयंसेवक, पीएम के कार्टून के सामने झुकते हुए नजर आ रहा है,
जिसमें प्रधानमंत्री को इंजेक्शन पकड़े और अशोभनीय ढंग से दिखाया गया था।


⚖️ हेमंत की गिरफ्तारी पर रोक क्यों?

  • मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक लगाई, लेकिन इस मामले में उन्हें “अपरिपक्व” और “भड़काऊ” बताया।

  • कोर्ट ने यह भी कहा कि हेमंत ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की सीमा लांघी है

🗣️ एडवोकेट वृंदा ग्रोवर (हेमंत की वकील) ने कहा:

“पोस्ट हटा दिया गया है। यह अपराध नहीं है। यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मामला है।”

🗣️ एएसजी केएम नटराज (सरकार की ओर से) ने कहा:

“अगर पोस्ट आपत्तिजनक है, तो कार्रवाई जरूरी है। ऐसी चीजें बार-बार हो रही हैं।”


⚖️ हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत खारिज की थी

8 जुलाई को इंदौर हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत खारिज करते हुए कहा था कि हेमंत ने
“व्यंग्य की आड़ में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुरुपयोग किया है”
और उन्हें “अपनी सीमाओं का ज्ञान नहीं” है।


🚔 किन धाराओं में मामला दर्ज है?

एडवोकेट विनय जोशी की शिकायत पर, हेमंत मालवीय पर भारतीय न्याय संहिता, 2023 की कई धाराएं लगी हैं:

  • धारा 196: विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्य बढ़ाना

  • धारा 299: धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान

  • धारा 302: धार्मिक भावनाएं आहत करने की नीयत

  • धारा 352: शांति भंग करने की मंशा

  • धारा 353: शरारत

  • आईटी एक्ट की धारा 67ए: आपत्तिजनक डिजिटल कंटेंट


📅 अब आगे क्या?

  • सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी पर अंतरिम राहत दी है

  • अगस्त में होगी अंतिम सुनवाई, जिसमें अग्रिम जमानत पर निर्णय लिया जाएगा


🧠 क्या कहती है कानूनी विशेषज्ञता?

“अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बुनियादी अधिकार है, लेकिन यह अवमानना, नफरत फैलाने और धार्मिक भावनाएं आहत करने की सीमा से बंधी होती है। कोर्ट उसी संतुलन को जांच रही है।”

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