ब्रह्मास्त्र उज्जैन
जी हां! सूबे की सरकार अब लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों की काबिलियत का परीक्षण कराएगी। दरअसल सरकार का फोकस पूरे प्रदेश के साथ ही उज्जैन में भी सड़क, पुल और भवन आदि निर्माण को बेहतर बनाने पर पर है लिहाजा सरकार के पैमाने पर खरा उतरने के लिए अब विभागीय इंजीनियरों को परीक्षा भी देना होगी। बता दें कि उज्जैन में आयोजित होने वाले सिंहस्थ के कार्यों पर भी सरकार का विशेष तौर से फोकस है।
भोपाल से प्राप्त जानकारी के अनुसार सरकार के पैमाने पर खरा उतरने के लिए पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों को मूल्यांकन परीक्षा देनी होगी। यह परीक्षा उनके ज्ञान और कौशल का मूल्यांकन करने के लिए आयोजित की जाती है और यह सुनिश्चित करती है कि वे अपने काम के लिए योग्य हैं।
गुणवत्ता को लेकर सवाल उठते रहते हैं
गौरतलब है कि प्रदेश में लोक निर्माण विभाग द्वारा बनवाई गई सडकों की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठते रहते हैं। ऐसे में पीडब्ल्यूडी ने एक बड़ा निर्णय लेते हुए अपने अधीनस्थ इंजीनियरों के लिए निर्माण संबंधी कोड और मानकों को याद करना अनिवार्य कर दिया है। विभाग ने निर्देश जारी कर स्पष्ट किया कि विभाग के सभी एग्जीक्यूटिव इंजीनियर और उनसे नीचे के इंजीनियरों को निर्माण कोड्स का पूरा ज्ञान होना चाहिए। इसके लिए जल्द ही मूल्यांकन परीक्षा भी होगी। इस परीक्षा में उन कोड्स और मानकों को शामिल किया जाएगा जो भवन, सडक, पुल व अन्य परियोजनाओं में लागू होते हैं। गौरतलब है कि प्रदेश में पीडब्ल्यूडी सबसे बड़ी सरकारी निर्माण एजेंसी है। पीडब्ल्यूडी के अधीन कुल 80,775 किमी सडक नेटवर्क है। जिसमें राष्ट्रीय राजमार्ग 9,315 किमी,मुख्य जिला मार्ग 25,639 किमी, राज्य राजमार्ग 11,389 किमी और अन्य जिला मार्ग 34,432 किमी है।
विभागीय अमले की कसावट शुरू
दरअसल, वरिष्ठ आईएएस सुखवीर सिंह को हाल में लोक निर्माण विभाग का प्रमुख सचिव पदस्थ किया गया है। उन्होंने पदभार ग्रहण करते ही विभागीय अमले की कसावट शुरू कर दी है। उन्होंने विभाग के अंतर्गत चल रहे सभी भवन, सडक और ब्रिज निर्माण कार्यों की गुणवत्ता, टिकाऊपन एवं सुरक्षा मानकों को और अधिक सुदृढ़ एवं पारदर्शी बनाने के लिए विभाग में कार्यरत सभी इंजीनियरों को भारतीय सडक कांग्रेस (आईआरसी), नेशनल बिल्डिंग कोड (एनबीसी) और संबंधित भारतीय मानक (आईएस) कोड्स के अनुसार कार्यों का क्रियान्वयन करने को कहा है। जारी निदेर्शों में परीक्षा लेने संबंधी बिंदु से विभाग के प्रदेश भर के इंजीनियरों में हड़कंप मच गया है।
