ओडिशा में दलित युवकों को घास खिलाई, गंदा पानी पिलाया — मानवता को शर्मसार करने वाली वीभत्स घटना

ओडिशा में दलित युवकों को घास खिलाई, गंदा पानी पिलाया — मानवता को शर्मसार करने वाली वीभत्स घटना

Updated on: 24 जून 2025 | ओडिशा

ओडिशा से एक ऐसी दर्दनाक और अमानवीय घटना सामने आई है, जिसने मानवता को झकझोर कर रख दिया है। यहां दो दलित युवकों को न सिर्फ जानवरों की तरह घुटनों के बल चलने पर मजबूर किया गया, बल्कि उन्हें जबरन घास खिलाई गई और गंदा पानी पिलाया गया। यह सिर्फ एक अत्याचार नहीं, बल्कि दलित अस्मिता, संविधान और मानवीय गरिमा पर सीधा हमला है।


🧑‍🤝‍🧑 क्या है मामला?

घटना के अनुसार, दो दलित युवक किसी मामूली विवाद के चलते कुछ प्रभावशाली लोगों के निशाने पर आ गए। सामाजिक हैसियत के मद में चूर इन लोगों ने उन्हें सार्वजनिक रूप से अपमानित किया।

  • उन्हें जबरन घास खिलाई गई

  • गंदा पानी पिलाया गया

  • जानवरों की तरह घुटनों के बल चलाया गया

  • वीडियो बनाकर वायरल भी किया गया, ताकि उनका अपमान स्थायी हो जाए


⚖️ यह सिर्फ अपराध नहीं — संविधान पर हमला है

यह घटना भारत के संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर के उस सपने का अपमान है, जिसमें हर नागरिक को समानता, गरिमा और न्याय का अधिकार है। यह घटना यह साफ़ करती है कि दलितों के खिलाफ नफरत और भेदभाव आज भी जीवित है, और कभी-कभी इसका सबसे क्रूर रूप सामने आता है।


🔥 BJP-RSS की दलित विरोधी सोच पर उठते सवाल

इस तरह की घटनाएं सत्तारूढ़ दलों की उस चुप्पी को उजागर करती हैं, जो अत्याचार के खिलाफ बोलने से कतराती है।

दलितों को शिक्षा, नौकरी, और सामाजिक नेतृत्व से दूर रखने की जो सोच संघ और भाजपा की विचारधारा में पनपती है, यही घटनाएं उसी मानसिकता का विस्तार हैं।

  • दलितों के अधिकारों को कुचलने की नीयत

  • उनकी गरिमा पर हमला

  • और उन्हें दूसरे दर्जे का नागरिक बनाए रखने की कोशिश — यह सब एक व्यापक साजिश का हिस्सा हैं।


📢 समाज की चुप्पी भी अपराध है

इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आने के बावजूद, अभी तक कोई निर्णायक कार्रवाई नहीं हुई है। यह सिर्फ प्रशासन की नहीं, बल्कि पूरे समाज की नैतिक विफलता है।

यदि आज यह बर्बरता किसी दलित के साथ हो रही है, तो कल यह किसी और के साथ भी हो सकती है। यह समय है न्याय की मांग करने का, आवाज़ उठाने का, और जातिवाद की इस जड़ को उखाड़ फेंकने का


हम क्या कर सकते हैं?

  • दोषियों को फास्ट ट्रैक कोर्ट में सजा दी जाए

  • पीड़ितों को सुरक्षा व पुनर्वास मिले

  • ऐसी घटनाओं पर Zero Tolerance नीति अपनाई जाए

  • संविधान और मानवाधिकारों की शिक्षा को समाज के हर स्तर तक पहुँचाया जाए


📌 कानून, मानवता और समानता की लड़ाई में आपकी चुप्पी किसी दिन आपके खिलाफ हथियार बन सकती है।

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