आखिरकार स्कूली शिक्षा विभाग  को करना पड़ा शिक्षकों की तबादला नीति में संशोधन

ब्रह्मास्त्र ने प्रकाशित की थी प्रमुखता के साथ खबर

उज्जैन। आखिरकार  स्कूली शिक्षा विभाग  ने   शिक्षकों के साथ ही विभाग के अन्य कर्मचारियों और अधिकारियों की तबादला नीति में संशोधन कर ही दिया है। इसके बाद अब न केवल शिक्षकों के तबादले आसानी से होंगे वहीं लंबे समय से तबादले की राह देखने वाले शिक्षकों को भी संशोधन नीति के बाद राहत मिली है। गौरतलब है कि दैनिक ब्रह्मास्त्र ने बीते दिन ही शिक्षकों के स्वैच्छिक तबादलों में विभाग की पॉलिसी के कारण फंसा पेंच शीर्षक से समाचार का प्रकाशन प्रमुखता के साथ किया था।

स्थानांतरण नीति-2022 की कण्डिकाओं में शिथिलता प्रदान

स्कूल शिक्षा विभाग की राज्य एवं जिला स्तर पर अधिकारियों एवं कर्मचारियों की स्थानांतरण नीति-2022 की कण्डिकाओं में शिथिलता प्रदान करते हुए संशोधित आदेश जारी किये गये हैं। यह प्रशासकीय स्थानांतरण संबंधी अधिकार 7 से 16 जून की अवधि में जिला स्तर पर प्रभारी मंत्री को प्रत्यायोजित किये गये हैं।

जिले के भीतर स्थानांतरण कलेक्टर के माध्यम से  किया जायेगा

जिला स्तर पर स्थानांतरण की अवधि में जिला संवर्ग में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के शासकीय सेवकों, जिनमें प्राथमिक शिक्षक, सहायक शिक्षक, प्राथमिक शिक्षक (विज्ञान), सहायक शिक्षक (विज्ञान), प्रधानाध्यापक प्राथमिक शाला, लिपिकीय वर्ग संवर्ग तथा भृत्य संवर्ग के लोक-सेवकों का जिले के भीतर स्थानांतरण जिला कलेक्टर के माध्यम से प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के बाद किया जायेगा।

आदेश एजुकेशन पोर्टल 3.0 के माध्यम से जारी

विभागीय स्थानांतरण नीति-2022 के प्रावधानों का पालन करते हुए ऑनलाइन स्थानांतरण आदेश एजुकेशन पोर्टल 3.0 के माध्यम से जारी किये जायेंगे। स्थानांतरण आदेश पोर्टल पर जिला कलेक्टर की लॉगिन से अनुमोदन उपरांत जिला शिक्षाधिकारी के डिजिटल हस्ताक्षर से जारी होंगे। कोई भी आदेश ऑफलाइन जारी नहीं किया जायेगा।

जिले में 10 से कम नामांकन वाली किसी भी शाला में किसी भी शिक्षक का स्थानांतरण नहीं किया जायेगा। पारस्परिक स्थानांतरण समान पद एवं विषय होने पर ही किये जा सकेंगे, किन्तु 31 मई, 2025 से एक वर्ष की समयावधि में सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षकों का पारस्परिक स्थानांतरण नहीं किया जा सकेगा। आदेश में प्रदर्शित किये गये संवर्ग को छोड़कर शेष संवर्गों में प्रशासकीय स्थानांतरण राज्य स्तर से ही किये जा सकेंगे।

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