आज साइकिल को पुनः हर घर में लौटाने की जरूरत है, साइकिल विहीन घर दृष्टि विहीन घर है : कुलगुरु प्रोफेसर अर्पण भारद्वाज* *चित्रकारी में उज्जैन को बनाया साइकिल सिटी, चित्रकारों को किया पुरस्कृत* *विश्व साइकिल दिवस पर वर्तमान में साइकिल की उपयोगिता एवं भविष्य में संभावनाएं और चुनौतियाँ विषय पर हुआ साइकलोदय(विचार-विमर्श) का आयोजन*  *दुनिया के सामने जलवायु परिवर्तन सबसे बड़ा संकट, इससे से निपटने का एकमात्र साधन साइकिल है* 

 उज्जैन, 3 जून l 3 जून को विश्व साइकिल दिवस पर कोठी रोड स्थित विक्रम कीर्ति मंदिर के सामने पत्रकारिता एवं जनसंचार अध्ययनशाला में सायं 4 बजे
सोसाइटी ऑफ ग्लोबल साइकिल द्वारा विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन, पत्रकारिता एवं जनसंचार अध्ययनशाला और डिपार्टमेंट ऑफ फिजिकल एजुकेशन के संयुक्त तत्वावधान में ‘वर्तमान में साइकिल की उपयोगिता एवं भविष्य में संभावनाएं और चुनौतियाँ’ विषय पर साइकलोदय(विचार-विमर्श) कार्यक्रम का आयोजन किया गया l
इस अवसर कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रोफेसर अर्पण भारद्वाज, कुलगुरु विक्रम विश्वविद्यालय ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि साइकिल का अविष्कार भारत में हुआ है l इसके प्रमाण हमारे 400 साल पुराने मंदिरों के चित्रों में साइकिल के होने से मिलता हैl लेकिन साइकिल के अविष्कार का श्रेय पश्चिम के देशों को दिया जाने लगाl साइकिल बहुत य़ह उपयोगी वाहन हैl पूर्व में साइकिल की सामाजिक अनिवार्यता रही हैl आज साइकिल को पुनः हर घर में लौटाने की जरूरत हैl साइकिल विहीन घर दृष्टि विहीन घर है l जलवायु परिवर्तन पूरी पृथ्वी के लिए संकट हैl इससे निपटने का एकमात्र समाधान साइकिल हैl य़ह एक सुरक्षित साधन भी हैl जो बाह्य और आंतरिक सुरक्षा भी प्रदान करती हैl साइकिल विकास का भी एक साधन हैl साइकिल एक समय संपन्नता और वैभव का प्रतीक हुआ करती थीl अब य़ह अनिवार्यता का प्रतीक बने इस दिशा में हमे आगे बढ़ना होगाl
मुख्य अतिथि डॉ. हरि प्रसाद सोनानिया , वरिष्ठ चिकित्सक ने कहा आज सबसे बड़ा सुख निरोगी काया हैl इसके लिए हमे प्रतिदिन साइकिल चलाना होगाl क्योंकि युवा वर्ग में आज हार्ट अटैक की संभावना बढ़ गई हैl उसका कारण है हमने पैदल चलना और साइकिल चलाना बंद कर दिया हैl इसलिए साइकिल को चलाने में शर्म नहीं करेl साइकिल को चलाने से ही शरीर स्वस्थ रहेगाl यदि 10 मिनट भी साइकिल चलाते है तो हृदय मजबूत हैl विशिष्ट अतिथि सोनू गहलोत, पर्यावरणविद ने अपने संबोधन में कहा कि साइकिल चलाना कोई रॉकेटसाइंस नहीं हैl लेकिन फिर भी आज लोग इसे चलाने से बचते हैl हमे साइकिल को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाने की जरूरत हैl इस अवसर पर पत्रकारिता एवं जनसंचार अध्ययनशाला के समन्वयक डॉ. सुशील कुमार शर्मा और डिपार्टमेंट ऑफ फिजिकल एजुकेशन के अध्यक्ष डॉ. वीरेंद्र चावरे भी मंचासीन रहेl
सोसायटी ऑफ ग्लोबल साइकिल के सचिव विवेक मेश्राम ने बताया संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 2018 में विश्व साइकिल दिवस की शुरुआत की थीl इसका उद्देश्य परिवहन का सस्ता, सेहतमंद और पर्यावरण के अनुकूल साधन होने से साइकिल के प्रयोग को बढ़ावा देना हैl इन्हीं उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए 2018 से सोसायटी ऑफ ग्लोबल पर्यावरण संरक्षण एवं साइकिल के प्रति जागरुकता अभियान के अंतर्गत साइकलोदय(विचार-विमर्श) कार्यक्रम का आयोजन कर रही है l 3 जून को विश्व साइकिल दिवस पर
कोठी रोड स्थित विक्रम कीर्ति मंदिर के सामने पत्रकारिता एवं जनसंचार अध्ययनशाला में सायं 4 बजे सोसाइटी ऑफ ग्लोबल साइकिल द्वारा विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन, पत्रकारिता एवं जनसंचार अध्ययनशाला और डिपार्टमेंट ऑफ फिजिकल एजुकेशन के संयुक्त तत्वावधान में ‘वर्तमान में साइकिल की उपयोगिता एवं भविष्य में संभावनाएं और चुनौतियाँ’ विषय पर साइकलोदय(विचार-विमर्श) कार्यक्रम का आयोजन किया गया l कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया l इसके उपरांत अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर उनका स्वागत और सम्मान कियाl कार्यक्रम की रूपरेखा सोसायटी ऑफ ग्लोबल साइकिल के अध्यक्ष उत्कर्ष सिंह सेंगर ने प्रस्तुत कीl इस अवसर पर चित्रकला प्रतियोगिता के सभी प्रतिभागी अपने परिजन के साथ कार्यक्रम में उपस्थित हुएl इसके साथ ही उज्जैन शहर के साइकिल प्रेमी और पर्यावरण प्रेमी भी मौजूद रहेl कार्यक्रम का संचालन गोपाल माली ने किया और आभार मयंक तिवारी ने मानाl
*साइकिल मित्र सम्मान- 2025 से किया सम्मानित*
डॉ. उदित्य सिंह सेंगर ने बताया सोसायटी ऑफ ग्लोबल साइकिल द्वारा विश्व साइकिल दिवस पर आयोजित साइकलोदय कार्यक्रम में डॉ. राजेश मेहता, सचिन जैन और सुमित कटारिया को साइकिल के प्रति उनकी जागरुकता के लिए साइकिल मित्र सम्मान- 2025 से सम्मानित किया है l
*चित्रकारी में उज्जैन को बनाया साइकिल सिटी, चित्रकारों किया पुरस्कृत*
प्रतियोगिता के समन्वयक ने तुषार पिल्लेवार ने बताया संस्था द्वारा विश्व साइकिल दिवस के उपलक्ष्य में साइकलोदय कार्यक्रम के अंतर्गत ही साइकिल सिटी उज्जैन थीम पर चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित की गई थी l य़ह प्रतियोगिता 8 से 15 वर्ष और 15 से 25 वर्ष की आयु श्रेणी के प्रतिभागियों के लिए आयोजित की गई थी l दोनों श्रेणी में कुल 46 प्रतिभागियों ने भाग लिया और 31 प्रतिभागियों ने अपनी कलाकृतियां जमा करवाई l निर्णायक मंडल के संयोजक चंदन यादव एवं सह- संयोजक अमूल पीलेवार ने प्रतिभागियों की कलाकृतियों का अवलोकन कर विजेताओं का चयन कियाl जिन्हें मंगलवार को आयोजित साइकलोदय कार्यक्रम में अतिथियों द्वारा 8 से 15 वर्ष की आयु श्रेणी में प्रथम स्थान ताशी लॉरेंस, द्वितीय स्थान त्रिवेणी शर्मा एवं माही पांचाल ने तृतीय स्थान प्राप्त किया और 15 से 25 आयु वर्ग की श्रेणी में प्रथम स्थान अंशिता द्विवेदी, द्वितीय स्थान आशुतोष तिवारी एवं निशा पाटीदार ने तृतीय स्थान प्राप्त कियाl विजेताओं को अतिथियों द्वारा पुरस्कार प्रदान किए गए एवं समस्त प्रतिभागियों को कटारिया ग्रुप के सुमित कटारिया की ओर से प्रमाण पत्र के साथ उपहार दिए गए l
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