लोन दिलाने के नाम पर 7 लाख की धोखाधड़ी करने वाले को सजा

उज्जैन। डेयरी फर्म प्रोजेक्ट के नाम से 28 लाख का लोन दिलाने का झांसा देकर 7 लाख से अधिक की धोखाधड़ी करने वाले आरोपी को न्यायालय ने 2 साल की सजा और 4 लाख एक हजार रूपये अर्थदंड से दंडित किया है। मामले में चार साल पहले नागझिरी थाना पुलिस ने प्रकरण दर्ज किया था।
प्रभारी उपसंचालक अभियोजन राजेन्द्र कुमार खांडेगर ने बताया कि 14 मार्च 2021 को नागझिरी थाना पुलिस ने फरियादी गिरीश चौहान की शिकायत पर विकास पिता राजेश जैन निवासी ग्राम खरसौदकला भाटपचलाना के खिलाफ दूध डेयरी फर्म व्यवसाय पर 28 लाख का प्रोटेक्ट लोन दिलाने के नाम पर 7 लाख से अधिक की धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया था। विकास जैन पूर्व में कई लोगों को लोन दिलाने के नाम पर ठग चुका था। जिसके चलते वह भैरवगढ़ जेल में बंद था। नागझिरी पुलिस ने गिरीश चौहान की शिकायत पर दर्ज प्रकरण में उसकी जेल से फार्मल गिरफ्तारी ली और अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। चार साल चली सुनवाई के बाद अपर सत्र न्यायाधीश पवन कुमर पटेल फैसला सुनाते हुए आरोपी विकास जैन को 2 साल की कठोर सजा के साथ 4 लाख एक हजार रूपये अर्थदंड से दंडित किया। मामले में शासन की ओर से पैरवी राहुल विपट अपर लोक अभियोजक द्वारा की गई। विदित हो कि विकास जैन ने 5 मई 2019 में गिरीश चौहान से उसके परिचित हर्षवर्धन के सांंईबाग कालोनी में संपर्क किया था और पंजाब नेशनल बैंक शाखा खरसौदकला कियोस्क एजेंसी एजेंट होना बताकर प्रोजक्ट लोन दिलाने का झांसा दिया था। 2 माह में 28 लाख का लोन मंजूर कराने की बात भी कहीं थी। कुछ दिन बाद बैंक के नाम का फर्जी ऋण स्वीकृति पत्र दिया था और लोन राशि का 25 प्रतिशत मार्जिन मनी के 7 लाख रूपये पंजाब नेशलन बैंक में खाता खुलाकर जमा करने के लिये कहा था। गिरीश का खाता नहीं होने पर उसने 10 हजार रूपये नगद लेकर खाता खुलावने का झांसा भी दिया था और अपने बंधन बैंक के खाते में मार्जिन मनी की राशि जमा करा ली थी। जब गिरीश को उसके द्वारा कई लोगों से धोखाधड़ी का पता चला तो उसने राशि लौटाने के नाम पर चैक दिया था लेकिन वह भी बाउंस हो गया था। नागझिरी पुलिस ने धारा 420, 467, 468, 201 भादवि में प्रकरण दर्ज किया था।

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