बकरी बांधने की रस्सी से सौतेली मां ने घोंट था गला -मासूम की मौत का 9 दिन बाद खुलासा, मां के साथ पिता गिरफ्तार

उज्जैन। 11 मई को मासूम की हुई संदिग्ध मौत और परिवार द्वारा अंतिम संस्कार किये जाने की खबर मिलने पर माकडोन पुलिस ने गंभीरता से संज्ञान लिया और माता-पिता को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की। 9 दिन बाद सामने आया कि मासूम को उसकी सौतेली मां ने बकरी बांधने की रस्सी से गला दबाकर मारा था। पिता ने साक्ष्य छुपाने के लिये अंतिम संस्कार कर दिया था।
माकडोन थाना प्रभारी प्रदीपसिंह राजपूत ने बताया कि 11 मई की शाम को खबर मिली थी कि ग्राम रावणखेड़ी में रहने वाली मधु पिता बालाराम उर्फ बालू पंवार 10 वर्ष की संदिग्ध हालत में मौत हुई है। उसके गले पर रस्सी जैसे निशान थे। पुलिस रावणखेड़ी पहुंची लेकिन मासूम का परिजनों ने अंतिम संस्कार कर दिया था। घटना से एएसपी पल्लवी शुक्ला और एसडीओपी भविष्य भास्कर को अवगत कराया गया और जांच के लिये एफएसएल टीम बुलाई गई। मासूम के अवशेष जप्त किये गये और जांच के लिये फारेंसिक लेब भेजे गये। थाना प्रभारी के अनुसार उन्हे गांव के एक युवक ने कुछ फोटो-वीडियो उपलब्ध कराये थे। जो मृतक मधु की बॉडी के थे। फोटो में उसके गले पर निशान होना प्रतीत हो रहे थे। इसी आधार पर अंतिम संस्कार करने वाले परिजनों को पूछताछ के लिये हिरासत में लिया गया। जिसमें सामने आया कि मृतक मधु की मां संगीताबाई सगी मां नहीं है। उसके पिता ने दूसरी शादी थी। संगीता और मधु के बीच आये दिन विवाद होता था। घटना वाले दिन चाय बनाने पर विवाद हुआ था। जिसके बाद संगीता मधु को पीछे बाड़े में ले गई थी, जहां बकरियों को बांधा जाता है। संगीता ने बकरी बांधने की रस्सी से मधु का गला घोंटकर हत्या कर दी। बालाराम के आने पर उसे पत्नी द्वारा हत्या का पता चला तो उसने पुलिस को सूचना देने के बजाय पत्नी को बचाने के प्रयास में साक्ष्य छुपाते हुए अपनी बेटी का अंतिम संस्कार कर दिया। थाना प्रभारी राजपूत के अनुसार संगीता और बालाराम के बयान से हत्या का 9 दिन बाद खुलासा हो गया। दोनों के खिलाफ हत्या और साक्ष्य छुपाने का प्रकरण दर्ज कर मंगलवार दोपहर कोर्ट में पेश किया गया। जहां से जेल भेजा गया है।
संगीता-बालाराम ने किया था दूसरा विवाह
पुलिस पूछताछ में सामने आया कि बालाराम की पहली शादी सुमन से हुई थी। दोनों के तीन बच्चे हुए थे। जिसमें निशा, गोपाल और मधु सबसे छोटी थी। 10 साल पहले सुमन का निधन हो गया था। जिसके बाद बालाराम ने संगीता से शादी कर ली थी। संगीता के पति का निधन हो चुका था, उसकी भी एक बेटी काजल थी। संगीता और बालाराम ने एक-दूसरे से दूसरा विवाह कर लिया। दोनों के चार बच्चे साथ रहने लगे। इस बीच बालाराम ने अपनी बड़ी बेटी निशा और संगीता ने अपनी बेटी काजल की शादी कर दी। घर में गोपाल और मधु रह गये थे, लेकिन मधु और संगीता में आये दिन विवाद होने लगा था। विवाद के चलते ही संगीता ने मधु की हत्या को अंजाम दे दिया।
डिलेवरी के लिये आये थी काजल
सूत्रों के अनुसार पुलिस मधु की मौत की गुत्थी सुलझाने में लगी थी, लेकिन संगीता और बालाराम पुलिस पूछताछ में नहीं टूट रहे थे। पुलिस ने घर में मौजूद लोगों से पूछताछ शुरू की। संगीता के पहले पति की बेटी काजल डिलेवरी के लिये घर आई हुई थी। पुलिस ने काजल से पूछताछ शुरू की, जिसके बाद काजल ने बताया कि मां और मधु के बीच विवाद हुआ था, मां उसे पीछे ले गई थी, जहां रस्सी से गला दबाकर मार दिया। बेटी से मिली जानकारी के बाद दोनों पति-पत्नी टूट गये और हत्या के साथ साक्ष्य छुपाना कबूल कर लिया।
रस्सी गड्ढा खोद गाडी, कपड़े जलाये
पुलिस ने मामले का खुलासा होने पर हत्या में प्रयुक्त रस्सी और मृतक मधु के पकड़ने बरामद करने का प्रयास किया। बालाराम ने बताया कि जिस रस्सी से गला घोंटा था, उसे घर के पीछे जमीन में गाढ़ दिया है। कपड़े जला दिये थे। पुलिस ने रस्सी बरामद की है। पूरे मामले का खुलासा करने में थाना प्रभारी के साथ एसआई मंशाराम चौधरी, हुकुमसिंह सोलंकी, प्रधान आरक्षक ओमप्रकाश, आरक्षक राजेन्द्र, जितेन्द्र, भारतसिंह, कुंदनसिंह और सैनिक बहादूर, मांगीलाल की भूमिका रही।

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