30 साल का युवक कुर्सी से गिरा, डॉक्टरों ने 40 मिनट CPR और 12 शॉक देकर बचाई जान

30 साल का युवक कुर्सी से गिरा, डॉक्टरों ने 40 मिनट CPR और 12 शॉक देकर बचाई जान

उज्जैन | 23 जुलाई 2025
उज्जैन जिले के नागदा में मंगलवार को एक चौंकाने वाली घटना सामने आई, जब एक 30 वर्षीय युवक को अस्पताल की ओपीडी में बैठे-बैठे अचानक हार्ट अटैक आ गया। युवक बेहोश होकर कुर्सी से नीचे गिर गया। स्थिति गंभीर थी — उसकी न तो पल्स चल रही थी, न ही बीपी मिल रहा था

डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ ने तुरंत CPR शुरू किया और लगातार 40 मिनट तक संघर्ष कर 12 बार इलेक्ट्रिक शॉक दिया। आखिरकार युवक की धड़कनें लौट आईं और उसकी जान बच गई।

 

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📍 घटना अस्पताल के CCTV में कैद

यह पूरी घटना चौधरी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, नागदा की ओपीडी में हुई। पूरी घटना अस्पताल के CCTV कैमरों में रिकॉर्ड हुई, जिसमें देखा जा सकता है कि युवक कैसे अचानक कुर्सी से नीचे गिरा और डॉक्टरों ने बिना देर किए तुरंत CPR शुरू किया।


🧑‍⚕️ क्या हुआ था उस दिन?

मंगलवार दोपहर करीब 3 बजे ग्राम रूपेटा निवासी सन्नी गेहलोत सीने में दर्द की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंचे थे। वह ओपीडी में डॉक्टर से अपनी बारी का इंतज़ार कर रहे थे। डॉक्टर अभी दूसरे मरीज को देख ही रहे थे कि सन्नी अचानक कुर्सी से गिर पड़े

डॉ. सुनील चौधरी के अनुसार:

“जब तक हम चेकअप शुरू करते, तब तक उनकी पल्स पूरी तरह बंद हो चुकी थी। हमने बिना वक्त गंवाए CPR शुरू किया और आईसीयू में शिफ्ट करते हुए उन्हें इलेक्ट्रिक शॉक देना शुरू किया।”


12 DC शॉक, 40 मिनट CPR

– सन्नी की हालत इतनी गंभीर थी कि डॉक्टरों को लगातार 12 बार इलेक्ट्रिक DC शॉक देना पड़ा
– करीब 40 मिनट तक ICU में CPR चलता रहा
– डॉक्टर, नर्स और अस्पताल स्टाफ बारी-बारी से CPR देते रहे।

अंत में, डॉक्टरों की टीम की मेहनत रंग लाई और युवक की धड़कनें लौट आईं। उसे स्थिर करने के बाद इंदौर रेफर कर दिया गया, जहां फिलहाल उसका इलाज चल रहा है।


🙏 डॉक्टरों का धैर्य और समर्पण बना जीवन रक्षक

डॉ. चौधरी ने कहा —

“हमने उम्मीद नहीं छोड़ी। मेडिकल साइंस में 10-15 मिनट CPR के बाद रुकने की सलाह दी जाती है, लेकिन हमने टीम भावना और संकल्प से 40 मिनट तक CPR जारी रखा।”


📸 तस्वीरों में देखें जिंदगी और मौत की जंग

  • युवक कुर्सी पर बैठा था, लेकिन चेकअप से पहले ही गिर पड़ा।

  • डॉक्टरों ने तत्काल CPR देना शुरू किया।

  • स्ट्रेचर पर ICU ले जाया गया।

  • ICU बेड पर CPR और DC शॉक दिए गए।

  • अंत में धड़कनें लौट आईं।


🔎 ये घटना एक चेतावनी भी

हार्ट अटैक अब केवल बुजुर्गों तक सीमित नहीं है। यह मामला दर्शाता है कि 30 वर्ष की उम्र में भी गंभीर कार्डियक अरेस्ट हो सकता है। सीने में दर्द को हल्के में न लें और नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं।


🩺 यह सिर्फ इलाज नहीं था, यह एक संघर्ष था — एक अनमोल जीवन को वापस लाने का।

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