27 अगस्त को शुभ चौघड़िया में विराजेंगे श्री गणेश
दस स्वरूपों की साधना से मिलेगा विशेष फल; चंद्र दर्शन रहेगा वर्जित
उज्जैन। भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी पर इस वर्ष 27 अगस्त, बुधवार को गणेश स्थापना होगी। इस दिन चित्रा नक्षत्र, शुभ योग और विष्टि करण का संयोग बन रहा है। ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला के अनुसार, तुला राशि का चंद्रमा सकारात्मक प्रभाव डालेगा। हालांकि इस दिन चंद्र दर्शन वर्जित रहेगा, क्योंकि मान्यता है कि चंद्रमा को देखने से व्यक्ति पर झूठे आरोप-प्रत्यारोप लग सकते हैं। इसलिए गणेश चतुर्थी पर आकाश की ओर देखने से परहेज करना चाहिए।
सुबह से शाम तक शुभ चौघड़िया
गणेश स्थापना के लिए बुधवार को सुबह से शाम तक कई शुभ मुहूर्त रहेंगे। चौघड़िया अनुसार —
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सुबह 6:11 से 7:41 तक – लाभ
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7:41 से 9:11 तक – अमृत
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10:41 से 12:11 तक – शुभ
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दोपहर 3:11 से 4:41 तक – चंचल
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4:41 से 6:11 तक – लाभ
इन चौघड़ियों में गणेश स्थापना करना श्रेष्ठ माना गया है।
दस दिनों तक दस स्वरूपों की साधना
गणेश चतुर्थी से अनंत चतुर्दशी तक दस दिनों तक गणपति के दस स्वरूपों की साधना का विशेष महत्व बताया गया है। प्रतिदिन पार्थिव गणेश की प्राण प्रतिष्ठा कर षोडशोपचार पूजन, मोदक का नैवेद्य अर्पण और 21 दूर्वा के साथ नाम जप करने से विशेष फल प्राप्त होता है।
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पहले दिन – गणाधिप
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दूसरे दिन – उमा पुत्र
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तीसरे दिन – अघनाशन
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चौथे दिन – विनायक
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पांचवें दिन – ईश पुत्र
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छठे दिन – सर्वसिद्धि प्रदायक
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सातवें दिन – एकदंत
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आठवें दिन – इभवक्र
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नौवें दिन – मूषक वाहन
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दसवें दिन – कुमार गुरु
ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि इस विधि से पूजन करने पर विघ्न दूर होते हैं और जीवन में सफलता के मार्ग खुलते हैं।
विवाह में बाधा दूर करने का उपाय
पं. डब्बावाला ने बताया कि जिन कन्याओं के विवाह में अड़चनें आ रही हैं, उनके लिए हरिद्रा गणेश की स्थापना शुभ मानी गई है। ब्रह्म मुहूर्त में हल्दी से गणेश प्रतिमा बनाकर 10 दिन तक ‘विघ्ननाशक गणेश स्तोत्र’ या ‘गणपति स्तोत्र’ का पाठ करने से विवाह संबंधी बाधाओं का समाधान होता है।
भद्रा का पाताल लोक में निवास
इस वर्ष स्थापना के समय तुला राशि में चंद्रमा रहेगा। मान्यता है कि तुला राशि के चंद्रमा में भद्रा का निवास पाताल लोक में होता है और पाताल लोक निवासिनी भद्रा को धन देने वाली माना गया है। ऐसे में इस योग में की गई गणेश साधना विशेष रूप से धन-लाभकारी रहेगी।
