April 27, 2024

तेजी से फैल रहा संक्रमण, फिर भी ऑफलाइन एग्जाम, यदि थोक बंद छात्र-छात्राएं संक्रमित हो गए तो जिम्मेदारी किसकी..?

ब्रह्मास्त्र इंदौर। कोरोना अपना विकराल रूप लगातार दिखा रहा है। इंदौर में तो हालात और ज्यादा खतरनाक हैं। भोपाल, उज्जैन सहित ऐसा कोई शहर नहीं है जहां कोरोना पर कंट्रोल हो सका हो। बेलगाम कोरोना होने के बावजूद उच्च शिक्षा विभाग की नींद नहीं खुल रही है। मुख्यमंत्री कल पहली से बारहवीं तक सरकारी तथा प्राइवेट स्कूल बंद करवा चुके हैं। फिर भी सरकार अपनी जिद पर अड़ी हुई है कि आफलाइन परीक्षा ही लेंगे। प्रोफ़ेसर, लेक्चरर से लेकर छात्र तक इस दहशत में हैं कि यदि ऑफलाइन परीक्षा हुई तो कई छात्रों और शिक्षकों के जीवन पर कोरोना का खतरा मंडरा सकता है। यदि छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में संक्रमित हुए तो कई और समस्याएं भी खड़ी होंगी,परंतु उच्च शिक्षा विभाग को जैसे इन सब से कोई मतलब ही नहीं है। एनएसयूआई ने मांग की है कि ऑफलाइन परीक्षा की बजाय ऑनलाइन एग्जाम लिए जाएं।
गौरतलब है कि कॉलेजों की सेमेस्टर परीक्षाएं 18 जनवरी से शुरू हो रही है। कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते आंकड़े छात्रों और अभिभावकों में दहशती माहौल बना रहे हैं। ऐसे में यूनिवर्सिटी की ओर से कहा गया कि उच्च शिक्षा विभाग के निर्देश के अनुसार तय समय पर परीक्षाएं कराई जाएंगी।
कॉलेज की ऑफलाइन परीक्षाओं को लेकर छात्र शुरू से ही विरोध कर रहे हैं। एक महीने पहले परीक्षा आगे बढ़ाकर 18 जनवरी से शुरू कराने का निर्णय लिया गया तो करोना के वर्तमान खतरनाक हालात नहीं थे। अब कोरोना से लगातार 1100 से ज्यादा संक्रमित रोजाना आने के बाद छात्रों और अभिभावकों में एक बार फिर असमंजस की स्थिति बन गई है। शुक्रवार को तो यह आंकड़ा बढ़कर इंदौर में ही 1291 तक पहुंच गया। एनएसयूआई छात्र संगठन ने एक बार फिर मांग की है कि कॉलेज की परीक्षाएं ऑनलाइन ओपन बुक के माध्यम से संक्रमण के दौर में कराई जाए ताकि छात्रों के स्वास्थ्य पर किसी प्रकार का कोई विपरीत असर न पड़े।

प्रवेश पत्र बीती शाम हो गए अपलोड

ऑफलाइन परीक्षाओं को लेकर यूनिवर्सिटी ने अपनी और से सारी तैयारियां पूरी कर ली है। परीक्षा केंद्रों की संख्या भी तकरीबन 30 ज्यादा रखी गई है। कोरोना गाइडलाइन का पालन परीक्षा के दौरान किया जाएगा, वहीं छात्रों को प्रवेश पत्र बीती शाम से ऑनलाइन अपलोड करने का दावा यूनिवर्सिटी परीक्षा विभाग ने किया है।