April 26, 2024

ब्रह्मास्त्र इंदौर। न वह बोल पाती है और न ही सुन पाती है। ऐसे में उसके पास दो छोटे मासूम बच्चे भी हैं। उन्हें यह भी नहीं मालूम कि वह किस प्रदेश या शहर के हैं। बड़ा बेटा इंदौर में रहना जरूर बता रहा है , लेकिन इंदौर में कहां यह उसे भी नहीं मालूम। पिता का नाम भी पूरा नहीं मालूम। ऐसी स्थिति में राजस्थान से उज्जैन भेजी गई इस महिला तथा उसके दो बच्चों को ढूंढने का काम इंदौर की संस्था कर रही है।
हुआ यह कि राजस्थान पुलिस को मिली मूक-बधिर महिला को कुछ दिन पहले उज्जैन के स्वाधारगृह में भेजा गया है। अब मूक-बधिरों के लिए काम करने वाली इंदौर की संस्था महिला के परिवार को ढूंढने में लग गई है। महिला अपने दो बच्चों के साथ दो साल से परिवार से बिछडक़र भटक रही है।
उज्जैन में अहसास समाज कल्याण समिति द्वारा संचालित किए जा रहे महिला स्वाधारगृह से राजस्थान से संपर्क किया गया था कि यहां एक मूक-बधिर महिला दो बच्चों के साथ मिली है। उसका बड़ा बेटा अपना घर इंदौर में होना बता रहा है, जिसके बाद महिला को राजस्थान से उज्जैन के महिला स्वाधारगृह में भेजा गया। उज्जैन से मप्र मूक-बधिर पुलिस सहायता केंद्र से संपर्क कर मदद मांगी गई, जिसके बाद इंदौर की आनंद सर्विस सोसायटी के संचालक ज्ञानेंद्र और मोनिका पुरोहित ने महिला से वीडियो कॉल पर बात की। पुरोहित दंपति महिला से बात करने के लिए उज्जैन पहुंचे थे, जहां उन्होंने साइन लैंग्वेज में महिला से दो घंटे बात की।
मोनिका पुरोहित के अनुसार महिला ज्यादा कुछ बता नहीं पा रही है, लेकिन शुरुआती बातचीत में लग रहा है कि वो मराठी परिवार से है। दो साल पहले गाड़ी में बैठी थी और भटक गई। उसके हाथ पर ‘मीना गायत्री मंदा ’ गुदा हुआ है और बड़ा बेटा अपने पिता का नाम लक्ष्मण बता रहा है। महिला के पास से चार टुकड़ों में फटी पासपोर्ट साइज की फोटो भी मिली है। फिलहाल महिला का बच्चों के साथ एक वीडियो बनाया गया है और शुरुआती जानकारी के साथ उसे संस्था ने वायरल किया है।