April 26, 2024

ब्रह्मास्त्र इंदौर। दंपति के खाते से किस्तें कटने लगीं तो वे समझ नहीं पा रहे थे कि आखिर बैंक वाले हर माह रुपए क्यों काट रहे हैं? पता लगाया तो सामने आया कि जिसे लोन लेने के लिए कागज दिए थे, उसने ही 40 लाख रुपए का लोन ले लिया।
मामला लसूडिय़ा थाने का है। विशाल पारेता निवासी निपानिया ठगी के शिकार हो गए। उनकी पत्नी शशि क्लिनिक चलाती है। दरअसल दोनों ने लॉकडाउन के दौरान एक दलाल के माध्यम से लोन लेने की प्रोसेस की थी, जिसके कागजात एक ऐसे दलाल को दिए, जो खुद को बैंककर्मी नवीन सिंगनोतिया निवासी तिरुमला ग्रींस बता रहा था।
नवीन ने दस्तावेजों के अलावा प्रोसेसिंग फीस के नाम पर पौने दो लाख रुपए भी ले लिए थे। नवीन ने इन्हीं दस्तावेजों के आधार पर एचडीएफसी और एक्सिस बैंक से दो कार फाइनेंस करवाकर खुद के पास रख लीं। इसके अलावा उसने लोन भी लिया। नवीन ने करीब 40 लाख का लोन लिया और वाहन खरीदे। दंपति को इसकी भनक तक नहीं लगने दी। किस्तें कटने लगीं तब जाकर पता चला।
पहले भी पुलिस के पास इस तरह की शिकायतें पहुंची हैं, जिनमें कर्जा दिलाने वाले दलाल ठगी कर लेते हैं। लोन लेने वाले इन्हें कागजात तो दे देते हैं, लेकिन किसी कारणवश लोन नहीं होने पर इनसे वापस कागजात नहीं लेते, जिसका फायदा यह दलाल उठाते हैं और लोगों को ठगी का शिकार बनाते हैं। तुकोगंज थाने में भी फर्जी कागजातों के आधार पर लोन लेने के मामले में एक गिरोह पर बीते दिनों पुलिस ने कार्रवाई की थी। खातीवाला टैंक में चाय की दुकान चलाने वाले कैलाश के साथ भी ऐसी ही ठगी हुई। उसके कागजात लेकर बिचौलिये ने लोन ले लिया। किश्त चुकाने की बारी आई तो कैलाश को उसके साथ हुई ठगी का पता चला।