April 26, 2024

ब्रह्मास्त्र इन्दौर। इंदौर की सॉफ्टवेयर कंपनी के जापानी क्लाइंट से क्रिप्टो करेंसी ऐप के जरिए 6 करोड़ 70 लाख रुपए की धोखाधड़ी की गई। यह फजीर्वाड़ा कंपनी के ही सॉफ्टवेयर डेवलपर ने किया है। उसने पत्नी और मां के वॉलेट में रुपए ट्रांसफर कर दिए। वह अपनी संपत्ति बेचकर विदेश भागने वाला था, उसके पहले ही सायबर पुलिस ने मथुरा से गिरफ्तार कर लिया।
एसपी जितेंद्र सिंह के मुताबिक 15 जुलाई 2021 को नो बार्डर्स टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के मालिक पीयूष सिंह ने विजयनगर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने ने कहा था कि किप्ट्रो बेस्ड प्रोडक्ट के जपानी क्लाइंट रियोत केशी कुबो के क्रिप्टो करेंसी ऐप से क्रिप्टो करेंसी (इळउ, एळऌ ) धोखाधड़ी की गई है। कंपनी के सर्वर से लॉग्स मिटाने, कम्प्यूटर कोड से छेड़छाड़ करके 25 इळउ एवं 30 एळऌ (कुल लगभग 6 करोड़ 70 लाख रुपए) निकाल लिए गए हैं।
पत्नी और मां के नाम
से बनाए फर्जी वॉलेट
सायबर सेल ने जांच शुरू की। शुरूआत में पता चला कि जापान के क्लाइंट के लिए पीयूष की कंपनी ने 3 प्रोडक्ट्स बनाकर दिए थे, जो (ँ३३स्र२://६ं’’ी३.ंल्लॅी’्र४े.ल्ली३ , ँ३३स्र२://७ंल्लं६ं’’ी३.ल्ली३), ३१ंल्ल७्रं.ल्ली३ है। इन प्रोडक्ट्स का उपयोग करके कोई भी उपयोगकर्ता (एल्ल िव२ी१) अपना डिजिटल वॉलेट (अकाउंट) बना सकता है। इस डिजिटल वॉलेट में क्रिप्टो स्टोर कर सकता है और उन्हें निवेश कर सकता है। इससे क्रिप्टो एसेट्स को ट्रांसफर भी कर सकता है। इसी प्रोडक्ट में उपयोगकर्ता अपने क्रिप्टो एसेट्स को इन्वेस्ट करते हैं, जिस पर उपयोगकर्ता को रिवॉर्ड और बोनस मिलता है। हर दिन कंपनी की बनाई स्क्रिप्ट के चलते डेली बेसिस पर यूजर के डिजिटल अकाउंट में क्रेडिट होता है। पीयूष की कंपनी में ही सॉफ्टवेयर डेवलपर संदीप गोस्वामी ने एक्सेस का गलत उपयोग किया। उसने जापानी क्लाइंट के प्रोडक्ट में फर्जी यूजर बना दिए। उनमें यूपीआई के द्वारा क्रिप्टों का फर्जी इवेस्टमेंट दिखाया, जिससे आरोपी को भी डेली रिवार्ड मिलने लगा। इसके बाद पुलिस ने संदीप पुत्र राजुकमार गोस्वामी निवासी गौरी नगर द्वारका विहार सागर को आरोपी बनाया।