मध्यप्रदेश में झमाझम बारिश का असर: बाणसागर के 8 और सतपुड़ा डैम के 5 गेट खुले, नर्मदा घाटों पर मंदिर डूबे
📍 भोपाल | 16 जुलाई 2025
मध्यप्रदेश में मानसून अब रफ्तार पकड़ चुका है। लगातार हो रही बारिश के कारण कई जिलों में नदियां उफान पर हैं और डैमों के गेट खोलने की नौबत आ गई है। बुधवार सुबह से डिंडौरी, मंडला, आलीराजपुर सहित कई जिलों में तेज बारिश का दौर जारी है।
☔ आलीराजपुर में 5 घंटे की मूसलधार बारिश, घरों में घुसा पानी
सुबह 6 बजे से लगातार हो रही बारिश के कारण उर नदी उफान पर आ गई है। पुलिया से 3 फीट ऊपर तक पानी बह रहा है, जिससे संपर्क मार्ग बाधित हो गए हैं। कई घरों में पानी घुस गया है और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
🌊 डिंडौरी-मंडला में नर्मदा का रौद्र रूप
डिंडौरी और मंडला जिलों में भी बारिश की गति थम नहीं रही है। नर्मदा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।
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डिंडौरी में नर्मदा घाटों पर बने मंदिर पूरी तरह से डूब गए हैं।
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मंडला के सुभाष वार्ड में जल निकासी न होने से सड़कों पर 3 फीट तक पानी भर गया है।
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कई छोटे पुलों पर आवाजाही बंद कर दी गई है।
🚨 बाणसागर और सतपुड़ा डैम के गेट खुले
🔹 बाणसागर डैम (शहडोल): 8 गेट खोल दिए गए हैं
🔹 सतपुड़ा डैम (सारणी, बैतूल): 5 गेट 2 फीट तक खोले गए, 8390 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है
बांधों से पानी छोड़े जाने के बाद निचले इलाकों के लिए चेतावनी जारी की गई है। प्रशासन द्वारा सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
🛰️ 18 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग ने बुधवार को 18 जिलों में अति भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। इनमें डिंडौरी, मंडला, आलीराजपुर, बालाघाट, सिवनी, उमरिया, अनूपपुर, शहडोल आदि शामिल हैं। सभी जिलों में आपदा प्रबंधन दल को अलर्ट पर रखा गया है।
📊 अब तक कहां कितनी बारिश हुई?
| शहर/जिला | बारिश (इंच) | प्रतिशत (%) |
|---|---|---|
| भोपाल | 14.5 | 79% |
| इंदौर | 7 | 41% |
| उज्जैन | 8 | 44% |
| ग्वालियर | 18.5 | 102% |
| जबलपुर | 21.6 | 94% |
| टीकमगढ़ | 33 | 91% |
| निवाड़ी | 31.46 | 103% |
| मंडला | 35 | 75% |
इस सीजन में औसतन 18.2 इंच बारिश रिकॉर्ड की गई है, जो सामान्य औसत 10.6 इंच से 72% ज्यादा है।
🧭 निष्कर्ष
राज्य में मानसून सक्रिय हो चुका है और लगातार बारिश से नदियों का जलस्तर बढ़ने और बांधों के गेट खोलने जैसी स्थितियां उत्पन्न हो रही हैं। प्रशासन और नागरिकों को विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है, विशेषकर उन इलाकों में जहां नदियां उफान पर हैं।
