उज्जैन। हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा बंदी पैरोल मिलने के बाद फरार हो गया था। 10 माह बाद मंगलवार को केन्द्रीय जेल प्रशासन को सूचना मिली तो फरार बंदी को आगर नाके पर घेराबंदी कर पकड़ लिया गया।
केन्द्रीय जेल अधीक्षक मनोज साहू ने बताया कि शाजापुर थाना कालापीपल का रहने वाला अवध पिता पे्रमनारायण हत्या के मामले में शामिल था। जिसे न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। 16 नवम्बर 2019 को उसे केन्द्रीय जेल भैरवगढ़ लाया गया था, जहां वह सजा काट रहा था। शाजापुर कलेक्टर कार्यालय के आदेश पर सजायाफ्ता बंदी अवध को प्रथम पैरोल का लाभ 2022 में दिया गया था। उस दौरान बंदी 23 दिसंबर 2022 को वापस लौट आया था। जिसके बाद जेल मुख्यालय भोपाल के आदेश पर वर्ष 2023 से उसे नियमित पैरोल का लाभ दिया जा रहा था। 13 जनवरी 2025 को उसे फिर पैरोल पर मुक्त किया गया था। उसे 28 जनवरी 2025 को वापस लौटना था, लेकिन वह फरार हो गया था। सजायाफ्त बंदी के फरार होने पर भैरवगढ़ थाना पुलिस को शिकायत दर्ज कराई गई थी, लेकिन बंदी लगातार फरार होना सामने आ रहा था। जेल अधीक्षक के अनुसार 10 माह बाद मंगलवार सुबह खबर मिली कि पैरोल पर फरार उक्त बंदी आगर नाके पर दिखाई दिया है। जिसके चलते तत्काल सहायक जेल अधीक्षक सुरेश गोयल, प्रहरी रवि सिकरवार को फरार बंदी को गिरफ्तारी के लिये रवाना किया। आगर नाके पहुंचकर बंदी अवध की तलाश की गई और कुछ घंटे की तलाश के बाद उसे हिरासत में ले लिया गया। जिसे भैरवगढ़ थाना पुलिस के सुपुर्द किया गया। जहां से न्यायालय में पेश कर पुन: केन्द्रीय जेल में दाखिल किया गया है।
10 माह बाद गिरफ्त में आया पैरोल से फरार हुआ बंदी -केंद्रीय जेल प्रशासन की टीम ने आगर नाके से पकड़ा
