हाय रे किस्मत ! इस साल भी प्राधिकरण और निगम मंडलों में नियुक्तियां होने के आसार नहीं

बिहार चुनाव के कारण मामला अटका, सीएम यादव खुद भी होंगे बिहार में सक्रिय

 

उज्जैन। महसूस होता है कि बीजेपी नेताओं की किस्मत में अभी उज्जैन विकास प्राधिकरण या अन्य निगम मंडलों की कुर्सी नसीब में नहीं है। दरअसल जानकारी जो प्राप्त हुई है उसके पीछे कारण बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव है। इस चुनाव के कारण ही इस वर्ष भी राजनीतिक नियुक्तियां होने के आसार नहीं है। बीजेपी सूत्रों के अनुसार इस चुनाव में अन्य प्रमुख बीजेपी नेताओं के साथ ही सीएम डॉक्टर मोहन यादव भी खूद सक्रिय होंगे, लिहाजा नियुक्ति की बांट जोह रहे नेताओं को इंतजार ही करना होगा।

 

सूत्रों का कहना है कि भाजपा आलाकमान का इस समय पूरा फोकस बिहार चुनाव पर है। बिहार चुनाव में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सहित भाजपा के अन्य नेताओं को सक्रिय किया जाएगा। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि अब बिहार चुनाव के बाद ही राजनीतिक नियुक्तियां की जाएंगी। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के हर दिल्ली दौरे के बाद यह कयास लगने लगते हैं कि राजनीतिक नियुक्तियों की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। दरअसल, पिछले दिनों ओबीसी आयोग के अध्यक्ष पद पर रामकृष्ण कुसमरिया की नियुक्ति हुई है। इसके बाद अब निगम-मंडल, बोर्ड, आयोग और प्राधिकरणों में राजनीतिक नियुक्तियों की प्रक्रिया को लेकर हलचल तेज हो गई है। चर्चा थी कि खुद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल दिल्ली से हरी झंडी मिलने के बाद अनुमोदित सूची में शामिल नामों की नियुक्तियों के आदेश जारी करेंगे। लेकिन फिलहाल ऐसा कुछ होता नहीं दिख रहा है। ऐसे में अब कहा जा रहा है कि बिहार चुनाव के कारण राजनीतिक नियुक्तियों पर ब्रेक लग गया है। सूत्रों के अनुसार, नेता-मंत्रियों की ड्यूटी प्रदेश में निगम मंडलों में राजनीतिक नियुक्तियों की प्रक्रिया एक बार फिर थमने के आसार है। केन्द्रीय संगठन अब इस तरह की नियुक्तियां बिहार विधानसभा चुनाव के बाद करना चाहता है। प्रदेश के कई नेताओं की ड्यूटी बिहार विधानसभा चुनाव में लगाई गई है। इसके अलावा जल्द ही कुछ नेताओं की सूची तैयार हो रही है जिन्हें बिहार भेजा जाएगा। इनमें मंत्रियों से लेकर सांसद, विधायक और पार्टी पदाधिकारी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि मंत्री, विधायकों के अलावा संगठन से जुड़े कई नेताओं को भी बिहार भेजा जाना है। इनमें कई पूर्व सांसद, पूर्व विधायक और पूर्व संभागीय संगठन मंत्री शामिल हैं। इनमें से कई नेताओं के नाम निगम मंडल में नियुक्त होने वाले नेताओं की उस सूची में शामिल हैं जिन नामों पर विचार किया जाना है।

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