उज्जैन। स्ट्रीट डॉग के अचानक होने वाले हमलों में कमी नहीं आ रही है। अब 6 साल की बालिका को स्ट्रीट डॉग के हमले में लहूलुहान होने के बाद उपचार के लिये अस्पताल लाया गया। बालिका का चेहरा बुरी तरह से जख्मी था। डॉक्टरों ने उपचार के लिये भर्ती किया है।
चरक अस्पताल में ग्राम पंथपिपलाई की रहने वाली शिवानी पिता धर्मेन्द्र अग्रवाल 6 साल का उपचार चल रहा है। परिजनों ने बताया कि घर के बाहर आसपास रहने वाले बच्चों के साथ खेल रही थी, उसी दौरान कुत्ते ने आकर हमला कर दिया। कुत्ते ने शिवानी का बुरी तरह नोंच और खून से लथपथ कर दिया। उसकी चिख सुनकर परिजन पहुंचे और बचाया, परिजनों का कहना था कि अगर थोड़ी देर ओर हो जाती तो शिवानी को बचा पाना मुश्किल हो जाता। शिवानी को खून से लथपथ देख आसपास खेल रहे बच्चे भी दहशत में आ गये थे। डॉक्टरों ने बताया कि बालिका का चेहरा, कान और सिर पर स्ट्रीट डॉग ने नोंचा है। चेहरे पर टांके भी लगाये गये है। बालिका का रेबिज वैक्सीन का डोज दिया गया है। फिलहाल भर्ती कर उपचार दिया जा रहा है। 1-2 दिन बाद छुट्टी दी जायेगी। स्ट्रीट डॉग के हमले का शिकार 4 दिन पहले 12 साल की बालिका उमेसलमा पिता शब्बीर हुसैन हुई थी। बालिका कक्षा 6 वीं की छात्रा है और कार्मल कांवेंट में अध्ययन करती है। सुबह वह स्कूल जाने के लिये बस स्टॉप आ रही थी, तभी स्ट्रीट डॉग ने हमला किया था।
प्रतिदिन 15 से 20 लोगों हो रहे शिकार
स्ट्रीट डॉग के हमले का शिकार प्रतिदिन 15 से 20 लोग हो रहे है। जिसमें बच्चे भी शामिल है। शहर के साथ ही अब ग्रामीण क्षेत्रों से भी स्ट्रीट डॉग बाइट के मामले सामने आने लगे है। शहर के हर मार्ग, गली में इनकी मौजूदगी बनी हुई है। पैदल चलने वालों पर हमला तो करते ही है दो पहिया वाहन चालकों के पीछे भी तेजगति से दौड़ते हुए लपकते है। स्ट्रीट डॉग का शिकार होने के साथ इनकी वजह से दुर्घटना भी हो रही है। पहले भी कई गंभी मामले सामने आ चुके है। जिसमें एक युवक और बोहरा समाज की बालिका की जान जा चुकी है। बावजूद इनकी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिये कोई आगे नहीं आ पा रहा है।
सालभर में डेढ हजार से अधिक मामले
स्ट्रीट डॉग के काटने के मामले सालभर में डेढ़ हजार से अधिक पहुंच चुके है। यह आंकड़ा शासकीय चरक अस्पताल का है। जहां सालभर में इतने लोगों को वैक्सीन का डोज लगाया जा चुका है। एक व्यक्ति को वैक्सीन के 3 से 4 डोज लगाये जाते है। इस मान से चरक अस्पताल अब तक 6 हजार लोगों को रेबिज वैक्सीन नि:शुल्क लगाई जा चुकी है। निजी अस्पतालों के आंकड़े अलग है। जहां स्ट्रीट डॉग का शिकार होने वाले अपने खर्च पर उपचार और वैक्सीन का डोज लगवाने पहुंच रहे है।
स्ट्रीट डॉग ने 6 साल की बालिका को किया लहूलुहान
