सिंहस्थ लैंड पुलिंग विधानसभा में मंत्री बोले- घोषणा कर चुके हैं और पत्र जल्द जारी कर दिया जाएगा निरस्त आदेश मामले में किसानों का सरकार पर विश्वास कमजोर हुआ -किसान बोले जब तक आदेश हाथ में नहीं आता अब तो तब तक का विश्वास ही नही बचा

 

उज्जैन । सिंहस्थ लैंड पुलिंग मामले में सरकार की और से 17 नवंबर को आयोजित बैठक में टीडीएस 8,9,10,11 को निरस्त करने का किसान संघ के साथ चर्चा हुई थी। इसके साथ अन्य मुद्दों पर भी सहमति बनी थी। बाद में सरकार की और से निरस्त आदेश की बजाय संशोधन जारी किया गया। मामले में विधानसभा में जवाब आने के बाद भी किसानों का सरकार पर विश्वास नहीं हो रहा है। किसानों का कहना है जब तक आदेश हाथ में नहीं आता अब तो तब तक विश्वास नहीं किया जा सकता है।

सिंहस्थ क्षेत्र में पक्के निर्माण को लेकर सिंहस्थ क्षेत्र के 17 गांवों की करीब 12 हजार बीघा जमीन के अधिग्रहण की कार्रवाई लैंड पुलिंग कानून के तहत विकास प्राधिकरण उज्जैन की और से की गई थी। टीडीएस 8,9,10,11 के तहत इसमें अधिग्रहण की कार्रवाई की जा रही थी। भूमि अधिग्रहण से करीब 1896 कृषक प्रभावित हो रहे थे। मामले में किसान संघर्ष समिति एवं भारतीय किसान संघ के एक से डेढ साल के आंदोलन के बाद 17 नवंबर को किसान संघ एवं सरकार एक साथ बैठे थे। मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित बैठक के उपरांत सिंहस्थ लैंड पुलिंग योजना निरस्त करने एवं किसानों के खिलाफ दर्ज प्रकरण वापस लिए जाने सहित अन्य मुद्दों पर सहमति बनी थी। इसे लेकर सरकार की और से प्रशासनिक स्तर पर बयान जारी किया गया था और किसानों के सम्मान में योजना वापस लेने की बात कही गई थी।

निरस्त की जगह संशोधन-

सिंहस्थ लैंड पुलिंग को निरस्त करने की सहमति के दो दिन बाद सामने आए आदेश में संशोधन जारी किया गया था। इस पर किसान संघ एवं किसान संघर्ष समिति ने आपत्ति दर्ज करवाई थी। उनका स्पष्ट कहना था कि मामले में चर्चाअनुसार निरस्त का आदेश सरकार जारी करे।

पहले दो दिन फिर 7 दिन की चेतावनी-

संशोधन आदेश पर आपत्ति जताने के बाद किसान संघ ने पहले 2 दिन की सरकार को चेतावनी देते हुए निरस्त आदेश जारी करने अन्यथा आंदोलन की बात कही थी। इससे भी बात नहीं बनी थी। बाद में संघ के प्रदेशाध्यक्ष ने बयान जारी कर 7 दिन में निरस्त आदेश जारी करने का समय देते हुए सरकार को आंदोलन की चेतावनी देते हुए दिसंबर अंत में प्रदेश व्यापी आंदोलन की बात कही है।

मंत्री बोले –पत्र जल्द जारी कर दिया जाएगा-

सिंहस्थ लैंड पुलिंग के विरोध में कांग्रेस ने भी अपना मोर्चा खोला था। सिंहस्थ क्षेत्र के 17 गांवों में प्रभात फेरी भी की थी। मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र कांग्रेस विधायक महेश परमार ने उज्जैन में हो रही लैंड पुलिंग की प्रक्रिया पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा कि किसानों के लगातार संघर्ष के बाद सरकार ने लैंड पुलिंग को निरस्त करने की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक इसका लिखित आदेश जारी नहीं किया गया है। उन्होंने सरकार से पूछा था कि घोषणा पत्र कब जारी होगा और आदेश कब आधिकारिक रूप से रद्द होगा। इस पर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने जवाब देते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव घोषणा कर चुके हैं और पत्र जल्द जारी कर दिया जाएगा। इसी पर विधानसभा में कांग्रेस विधायक अजय सिंह ने टिप्पणी की कि किसान चिंतित हैं और प्रक्रिया की गति बहुत धीमी है। जवाब में विजयवर्गीय ने कहा कि “मुख्यमंत्री जी ने बोल दिया है तो अब क्या बचता है”, यानी आदेश जल्द आ जाएगा।

अब तो आदेश हाथ में आए तो विश्वास-

भारतीय किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष कमलसिंह आंजना का कहना है कि चर्चा के दौरान सिंहस्थ लैंड पुलिंग को निरस्त करने के साथ किसानों पर दर्ज प्रकरण वापस लिए जाने जैसे मुद्दे शामिल थे। सरकार एवं किसान संघ की वार्ता के पश्चात सरकार ने इसकी घोषणा की थी। हमने धन्यवाद भी दिया और दुसरे दिन किसानों ने सरकार के प्रति धन्यवाद का उत्सव भी मनाया। दो दिन बाद जो आदेश निकाला गया वो संशोधित एवं भाषाई रूप से घुमाने वाला था। हमने सरकार से निरस्त का स्पष्ट आदेश निकालने की मांग की थी। अब तक आदेश नहीं आया है। इससे सिंहस्थ क्षेत्र के किसानों के साथ हमारा विश्वास सरकार पर कमजोर हुआ है। अब तो जब तक सरकार का सिंहस्थ लैंड पुलिंग निरस्त का आदेश हाथ में नहीं आ जाता तब तक विश्वास नहीं किया जा सकता है। इधर सिंहस्थ क्षेत्र के किसानों के भी बयान कुछ इसी तरह से आ रहे हैं। उनका कहना है कि हमारी विचारधारा की सरकार है और हमें ही प्रताडित किया जा रहा है।

 

 

 

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