श्राद्ध पक्ष में सिद्धवट घाट पर उमड़े श्रद्धालु: शिप्रा नदी में तर्पण और पूजा-अर्चना से पितरों की आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति

श्राद्ध पक्ष में सिद्धवट घाट पर उमड़े श्रद्धालु: शिप्रा नदी में तर्पण और पूजा-अर्चना से पितरों की आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति

उज्जैन। श्राद्ध पक्ष की शुरुआत के साथ ही उज्जैन स्थित शिप्रा नदी के सिद्धवट घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। भक्त यहां विधि-विधान से स्नान, तर्पण और पूजा-अर्चना कर अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। धार्मिक मान्यता है कि सिद्धवट घाट पर पूजा-अर्चना करने से पितरों को मोक्ष मिलता है और श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

माता पार्वती ने की थी तपस्या

पंडित गुरुजी दिलीप शास्त्री उर्फ जिम्मी गुरु ने बताया कि शिप्रा नदी का सिद्धवट घाट मध्य प्रदेश का पहला ऐसा पावन स्थल है, जहां माता पार्वती ने स्वयं तपस्या और पूजा-अर्चना की थी। इसी कारण इस स्थान को सिद्धवट कहा जाता है। यहां स्नान और पूजा करने से ज्ञान, भक्ति और शक्ति की प्राप्ति होती है।

श्रद्धालुओं की आस्था

श्राद्ध पक्ष के अवसर पर देशभर से श्रद्धालु उज्जैन आकर सिद्धवट घाट पर तर्पण और पिंडदान कर रहे हैं। भक्तों का मानना है कि यहां की गई पूजा न केवल पितरों को शांति और मोक्ष प्रदान करती है, बल्कि शिव-सदाशिव और मां पार्वती की कृपा भी प्राप्त होती है।

धार्मिक महत्व

  • सिद्धवट घाट पर स्नान और पूजा-अर्चना करने से पितृ तृप्त होते हैं और मोक्ष प्राप्त करते हैं।

  • माता पार्वती की तपस्या स्थल होने के कारण यहां दर्शन और साधना से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

  • शिप्रा नदी में श्राद्ध पक्ष के दौरान किया गया तर्पण अत्यंत फलदायी माना जाता है।

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