उज्जैन। जिले के थानों पर पदस्थ 20 पुलिसकर्मियों को मुख्यालय के आदेश पर लाइन अटैच कर दिया गया है। सभी के खिलाफ विभागीय जांच लंबित थी। जांच पूरी और दोषमुक्त होने तक अब उन्हे थानों पर पदस्थ नहीं किया जायेगा।
17 जून को पुलिस मुख्यालय भोपाल से विशेष महानिदेशक आदर्श कटियार ने प्रदेश के सभी पुलिस अधीक्षकों को पत्र जारी करते हुए कहा था कि जिन पुलिसकर्मियों पर अपराधिक प्रकरण, भ्रष्टाचार, नैतिक अधोपतन, शारीरिक हिंसा के आरोप है और विभागीय जांच चल रही है, उन्हे किसी भी कार्यालय में कार्य के लिये तैनात नहीं किया जाये। मुख्यालय से आये पत्र के बाद पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने आदेश का पालन करते हुए जिले में पदस्थ पुलिसकर्मियों की जानकारी एकत्रित की, जिसके खिलाफ विभागीय जांच चल रही थी। ऐसे 20 पुलिसकर्मी होना सामने आये। जिन्हे तत्काल लाइन अटैच कर दिया गया। पुलिस अधीक्षक शर्मा ने बताया कि मुख्यालय के आदेश का पालन किया गया है, लाइन अटैच किये गये पुलिसकर्मियों की जांच पूरी और दोषमुक्त नहीं होने तक उन्हे थानों पर पदस्थ नहीं किया जायेगा। लाइन अटैच किये जाने के बाद कई थानों पर विवेचना अधिकारियों की कमी महसूस की जाने लगी है, अब तक वह अपने ऊपर लगे आरोप और विभागीय जांच के बाद भी थानों पर काम कर रहे थे। बताया जा रहा है कि विभागीय जांच में उलझे पुलिसकर्मियों पर की गई कार्रवाई और उनकी जानकारी का प्रतिवेदन सहायक पुलिस महानिरीक्षक (कार्मिक) को ई-मेल से जल्द मुख्यालय भेज दिया जायेगा। मुख्यालय से आये पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया था कि भविष्य में उपरोक्त निर्देशों का पालन कढ़ाई के साथ करना सुनिश्चित किया जाये।
मुख्यालय का इस आदेश का हुआ पालन
पुलिस मुख्यालय से कुछ दिन पहले यह आदेश भी जारी हुआ था कि लम्बे समय से एक ही थाने पर जमे पुलिसकर्मियों को स्थानांतरित किया जाये। जिसके परिपालन में कुछ दिनों में ही जिले के 350 से अधिक पुलिसकर्मियों की अदला-बदली के आदेश पुलिस अधीक्षक कार्यालय से जारी कर दिये गये है। पहली सूची में 272 और दूसरी सूची में 85 पुलिसकर्मियों के थाने बदले गये है। जिसमें एसआई, एएसआई, प्रधान आरक्षक और आरक्षक स्तर के पुलिसकर्मी शामिल है। जल्द ही सभी को अपनी नवीन पदस्थापना पर आमद देना होगी।
थानों में शुरू हुआ चर्चाओं का सिलसिला
थानों में हुई पुलिसकर्मियों की अदला-बदला के बाद चर्चाओं का सिलसिला शुरू हो गया है। कहा जा रहा है कि पहले ही थानों पर स्टॉफ की कमी थी। अब सूची जारी होने पर किसी थाने से 15 को दूसरे थाने भेजा गया है तो उनके स्थान पर 12 को उस थाने पर पदस्थापना दी गई है। ऐसे में 3 पुलिसकर्मियों की कमी ओर हो गई है। ग्रामीण क्षेत्र के एक थाने से 7 लोगों को दूसरे थाने भेजा गया, लेकिन उनके स्थान पर एक भी उस थाने पर नहीं आया है। ऐसे में थानों पर काम करने वालों की कमी हो गई है।
