लोकायुक्त के आरोपित कार्यपालन यंत्री को मुख्य अभियंता बना दिया

उज्जैन/ भोपाल। भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टालरेंस की बात करने वाली प्रदेश सरकार के लोक निर्माण विभाग में ” हाथी के दांत खाने के लिए और दिखाने के लिए कुछ और ”  की कहावत पर अमल करने वाली स्थिति में सामने आ रहे हैं। लोक निर्माण विभाग जबलपुर में लोकायुक्त के आरोपित कार्यपालन यंत्री संजय डेहरिया को मुख्य अभियंता का प्रभार दे दिये जाने का मामला है।

लोक निर्माण विभाग में साल भर पहले ही भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे दर्जन भर दागी इंजीनियर्स को फील्ड से हटा कर विभाग की छवि सुधारने का ढिंढोरा ज़ोर शोर से पीटा था। इसके विरूद्ध भ्रष्टाचार के आरोपी और छिंदवाड़ा में पीआईयू के कार्यपालन यंत्री होने के बावजूद संजय डेहरिया को जबलपुर के चीफ इंजीनियर का प्रभार सौंपा गया है। विभागीय नियमों और सरकार की सेवा शर्तों के अनुसार किसी अधिकारी को पदोन्नति के बिना सिर्फ उससे ऊपर के पद का प्रभार सौंपा जा सकता है। सुप्रीटेंडेंट इंजीनियर नहीं होने के बाद भी डेहरिया को चीफ इंजीनियर का प्रभार सौंप दिया गया है।

प्रमुख अभियंता ने जारी किया आदेश-

लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता के.पी.एस. राणा ने गुरूवार को यह आदेश जारी किया है। आदेश के मुताबिक आर. के. अहिरवार, मुख्य अभियंता, (भवन) लोक निर्माण विभाग, जबलपुर अपनी अधिवार्षिकीय आयु पूर्ण कर दिनांक 31/10/2025 को सेवानिवृत्त होने के फलस्वरूप मध्यप्रदेश शासन, लोक निर्माण विभाग, मंत्रालय, भोपाल के परिपत्र कमांक-एफ-1-6/2004/स्था/19, दिनांक 22/7/2024 में निहित प्रावधान तहत कार्य सुचारू रूप से संपादन करने की दृष्टि से संजय डहेरिया, कार्यपालन यंत्री, प्रभारी अधीक्षण यंत्री, लोक निर्माण विभाग, सिवनी मंडल, सिवनी को नियमित व्यवस्था होने तक अस्थायी रूप से आगामी आदेश तक अपने वर्तमान दायित्वों के साथ-साथ मुख्य अभियंता, (भवन) लोक निर्माण विभाग, जबलपुर के पद का कार्य संपादन करने की दृष्टि से अतिरिक्त प्रभार सौंपा जाता है। शासन द्वारा नियमित पदस्थापना होने पर यह आदेश स्वतः समाप्त हो जावेगा।

Share:

संबंधित समाचार

Leave a Comment