रूपयों के साथ मकान भी हड़पना चाहता था लूटेरा भाई

उज्जैन। चाकू की नोंक पर बहन के साथ लूट करने वाला भाई मकान भी हड़पना चाहता था। उसके घर से लूट की राशि बरामद के साथ मकान के दस्तावेज भी जप्त किये गये। हिरासत में आने के बाद भी भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का भरोसा तोड़ने भाई को अपने किये पर तनिक पछतावा नहीं था।
अंकपात मार्ग पर रहने वाली संपत्तबाई पति स्व. भैरूलाल गेहलोत 65 साल आयुर्वेदिक कॉलेज में खाना बनाने का काम करती थी। सेवानिवृत्त होने के बाद वह मंगलनगर में रहने वाले भाई देवीलाल के भरोसे थी। लेकिन ढोल बजाने के साथ इलेक्ट्रिशियन का काम करने वाले भाई की मंशा कुछ ओर थी। उसने भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को तोड़ने की योजना बना रखी थी। बहन के रूपयों के साथ मकान भी हड़पना चाहता था। सोमवार को बहन संपत्तबाई एसबीआई चिमनगंज शाखा बैंक से 4 लाख रूपये निकालने पहुंची थी। तभी भाई ने बहन का लूटने की योजना बनाई। जबकि बहन उसे साढ़े तीन लाख रूपये देकर घर जाने का बोल चुकी थी और 50 हजार लेकर बाजार से काजू-बादाम और सामान खरीदने का बोलकर पैदल चली गई। देवीलाल 50 हजार रूपये भी छोड़ना नहीं चाहता था, उसने योजना के मुताबिक बहन का पीछा किया और हीरामिल की चाल में सुनसान जगह देख चाकू की नोंक पर मारपीट करते हुए 50 हजार रूपये भी लूट लिये। वारदात के दौरान उसने अपना चेहरा छुपा लिया था, जिसके चलते वृद्ध बहन उसे पहचान नहीं पाई थी। मामला देवासगेट थाने पहुंचने के बाद प्रभारी अनिला पाराशर, एसआई राधेश्याम आवलिया, प्रधान आरक्षक अवधेश, धर्मेन्द्र ने टीम के साथ बदमाश का पता लगाना शुरू किया और कैमरों के फुटेज देखे। भाई की गतिविधियां संदिग्ध दिखाई दी और हिरासत में लिया। पूछताछ में उसके घर से लूट के 50 हजार और बहन द्वारा दिये गये 3.50 लाख रूपयों के साथ मकान के दस्तावेज भी बरामद हो गये। बुधवार को पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश किया। जहां बहन ने टूटते रिश्ते को बचाने के लिये भाई की गलती को नजरअंदाज किया। जिसके चलते उसे जमानत मिल गई।
बुलाने पर भी नहीं आया था अस्पताल
थाना प्रभारी अनिला पाराशर ने बताया कि कैमरों के फुटेज देखने पर दोनों भाई-बहन चामुंडा माता चौराहा तक दिखाई दिये थे, लेकिन देवीलाल की गतिविधियां संदिग्ध नजर आई थी। संपत्तबाई के साथ घटना और घायल होने पर अस्पताल में भर्ती कराने के बाद उसे कॉल किया गया था, लेकिन उसने गांव आने की बात कहीं थी और काम खत्म होने पर आने के लिये। उसे बहन को गंभीर चोंट लगने और वारदात होने की बात बताई, लेकिन फिर भी नहीं आया। उस पर शंका ओर गहरा गई थी। वह रात में 9 बजे के लगभग अस्पताल पहुंचा, उस दौरान भी सवालों से बचने का प्रयास करता रहा। हिरासत में लेकर सख्ती की गई तो टूट गया और अपना गुनाह कबूल कर लिया। थाना प्रभारी ने बताया कि आरोपी के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई करने के बाद लूटे गये 50 हजार और आरोपी भाई को दिये गये 3.50 लाख रूपये संपत्तबाई को लौटा दिये गये है।

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