उज्जैन। चरक भवन (अस्पताल) में सोमवार-मंगलवार रात 14 साल की बालिका के परिजनों ने स्टॉफ के साथ मारपीट करते हुए आईसीयीयू और आब्जर्वेशन वार्ड में तोड़फोड़ की थी। हंगामा होने की खबर पर 4 थानों की पुलिस मौके पर पहुंची थी। मंगलवार सुबह रात में हुई घटना से आक्रोशित स्वास्थ्य कर्मचारियों ने काम बंद हड़ताल कर दी। 2 घंटे तक सुरक्षा की मांग को लेकर नारेबाजी की और आईपीएस अधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
अतिरिक्त विश्वबैंक कालोनी में रहने वाली 14 साल की बालिका को सोमवार रात 11.30 बजे के लभग परिजन उपचार के लिये लेकर पहुंचे थे। बालिका को दौरे पड़ रहे थे। उसे इमरजेंसी में ड्युटी कर रहे डॉ. मोहन पंडित ने पहले आब्जर्वेशन वार्ड में भर्ती किया, लेकिन कुछ देर बाद ही आईसीयीयू में शिफ्त कर दिया। बालिका का उपचार करने के लिये आईसीयीयू में डॉ. जगदीप पहुंच गये थे। बालिका को कुछ दिनों पहले हुए विवाद में चोंट लगी थी, जिसका उपचार इंदौर एमव्हायएच में चला था। जहां से परिजन घर ले आये थे। लेकिन सोमवार रात तबीयत बिगड़ने पर उसे चरक भवन लाया गया। बालिका की हालत में सुधार होता नहीं देख डॉक्टरों ने इंदौर रैफर करने की बात कहीं। इसी बात पर परिजनों ने स्टॉफ नर्स सपना, भावना और रामकन्या से अभद्रता की और तोडफोड़ शुरू कर दी। उन्होने इमरजेंसी में ड्युटी कर रहे डॉ. मोहन पंडित के साथ मारपीट की। स्टॉफ ने बीच बचाव किया तो कर्मचारी तुषार, पवन, रोहित, सुरेश और हेमंत के साथ मारपीट करते हुए तोड़फोड की। रात में ही आईसीसीयू स्टॉफ ने काम बंद कर दिया था। डीएसपी योगेश सिंह तोमर ने मामले में कार्रवाई का आश्वासन दिया जिसके बाद रात 2 बजे स्टॉफ ड्युटी पर लौटा। रात में हुई घटना की खबर 6 मंजिला चरक भवन के स्टॉफ को सुबह मिली तो उन्होने सुरक्षा की मांग करते हुए सिविल सर्जन डॉ. अजय दिवाकर से संपर्क किया और काम बंद हड़ताल शुरू कर दी। सिविल सर्जन ने पुलिस प्रशासन से सुरक्षा मुहैया कराने की बात कहीं लेकिन डॉक्टर-नर्से और कर्मचारी इमरजेंसी कक्ष के बाहर मेनगेट पर एकत्रित हो गये। चरक भवन में स्टॉफ द्वारा काम बंद किये जाने की खबर आईपीएस राहुल देखमुख को लगी तो मौके पर पहुंचे। देवासगेट थाना प्रभारी अनिला पारशर, कोतवाली टीआई दिनबंधुसिंह तोमर सहित पुलिस बल भी पहुंच गया। स्टॉफ ने सुरक्षा की मांग करते हुए रात में आईसीसीयू स्टॉफ और डॉक्टर के साथ मारपीट करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग रखते हुए ज्ञापन सौंपा। आईपीएस राहुल देखमुख ने सुरक्षा मुहैया करने की बात कहीं। दोपहर में पूरा स्टॉफ एसपी प्रदीप शर्मा से मिलने भी पहुंचा। जहां एसपी ने मारपीट और तोड़फोड़ करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कहीं।
पुलिस की मौजूदगी में हुई मारपीट
मारपीट और तोड़फोड़ के बाद आईसीसीयू स्टॉफ ने आरोप लगाया कि बालिका के साथ एक पुलिसकर्मी भी आये थे। उनकी मौजूदगी में ही बालिका के परिजनों ने मारपीट और तोड़फोड़ की। लेकिन पुलिसकर्मी ने उन्हे रोकने का प्रयास नहीं किया। स्टॉफ का आरोप था कि बालिका को पुलिसकर्मी की गाड़ी में ही चरक भवन से दूसरे अस्पताल ले जाया गया। पूर्व में भी कई बार चरक भवन में हंगामे की स्थिति बन चुकी है। लेकिन पुलिस सुरक्षा के नाम पर सिर्फ आश्वासन देती है।
तड़के 4 बजे कोतवाली पुलिस ने दर्ज की शिकायत
रात में हुई तोड़फोड़ की जानकारी लगते ही सिविल सर्जन डॉ. दिवाकर, आरएमओ डॉ. चिन्मय चिंचौलिकर पहुंच गये थे। सिविल सर्जन ने डीएसपी योगेशसिंह तोमार से मारपीट का शिकार हुए स्टॉफ नर्स के साथ डॉक्टर और कर्मचारियों की एमएलसी कराने की बात कहीं। डीएसपी ने सभी के साथ हुई मारपीट के मामले में कार्रवाई करने की बात कहीं। रात में ही स्टॉफ के 10 कर्मचारियों और डॉक्टरों का मेडिकल परीक्षण कराया गया। जिसके बाद तड़के 4 बजे डॉ. मोहन पंडित की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने 7 से 8 अज्ञात लोगों के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा और मारपीट करने का प्रकरण दर्ज कर लिया। थाना प्रभारी दिनबंधूसिंह तोमर ने बताया कि तोड़फोड़ और मारपीट करने वालों के चरक भवन में लगे कैमरों से फुटेज मिले है। जिसके आधार पर उनकी पहचान कर गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे है। जल्द सभी को गिरफ्तार कर लिया जायेगा।
इमरजेंसी में की गई पुलिस की तैनाती
मंगलवार दोपहर को चरक भवन की इमरजेंसी में कोतवाली थाने के एएसआई की तैनाती कर दी गई थी। वहीं अन्य पुलिसकर्मियों की तैनाती की बात भी पुलिस प्रशासन की ओर से कही गई है। अस्पताल में चौकी बनी हुई है, जहां 2 पुलिसकर्मी पहले से ही तैनात है। चौकी पर भी बल बढ़ाया जा सकता है।
