महाकाल सवारी मार्ग पर अतिक्रमण पसरा आगे पाट पीछे सपाट के हाल प्रशासन के सामने आए -महाकाल के सामने ही अतिक्रमण करने से नहीं रोक पा रहे

 

उज्जैन। गुरूवार को श्री महाकालेश्वर की सवारियों की तैयारियों को लेकर बैठक से सवारी मार्ग तक प्रशासन उतरा। इस दौरान सडक पर प्रशासन के सामने जो हाल आए हैं वे आगे पाट पीछे सपाट के रहे हैं। स्थिति यह रही है कि महाकाल से चौराहा तक के मार्ग पर आने वाली होटलों ने ही अस्थाई और स्थाई अतिक्रमण कर लिया है। महाकाल गेट के सामने की सडक तक नहीं बन सकी है।

महाकाल की सवारी के लिए कुछ वर्ष पूर्व छोटी गलियों में जगदीश मंदिर के पास की गली को चौडा किया गया था। इसके साथ ही अन्य जगह जहां सवारी निकलने में परेशानी होती है ऐसे स्थानों को भ चिन्हांकित किया गया और वहां चौडीकरण की पहल की गई थी। इसकी अपेक्षा पूरे सवारी मार्ग पर अब अतिक्रमण पसर गया है। प्रशासनिक एवं नगर निगम की अनदेखी के चलते महाकाल के सामने ही होटलों ने अतिक्रमण किया है। होटलों ने ओटले एवं छज्जे बना लिए । यानिकी सवारी मार्ग पर आगे पाट पीछे सपाट के हाल कायम रहे हैं। कहारवाडी में जर-जर मकानों को लेकर अब भी कार्रवाई की स्थिति प्रशासन करने में पीछे ही है। इस वर्ष भगवान श्री महाकालेश्वर की पहली सवारी 14 जुलाई को एवं राजसी सवारी 18 अगस्त को निकाली जाएगी ।

मार्ग पर अतिक्रमण,नालियां टूटी-

महाकाल मंदिर के बाहर मार्ग पर तो अतिक्रमण के हाल सामने हैं ही इसके अलावा पूरे सामान्य सवारी मार्ग के हाल भी ऐसे ही हैं। अतिक्रमण सभी जगह है। इसके साथ ही सवारी मार्ग की नालियां कई जगह से टूट फूट गई हैं। फूटपाथ के हाल बेहाल हैं। तोडा पट्टी जिस पर खडे होकर श्रद्धालु सवारी देखते थे वह भी धीरे-धीरे गायब हो गई है। गुदरी के पास नालियां जाम हैं। सफाई के साथ ही नालियों के संधारण का अभाव भी बना हुआ है। टाटा ने सिवरेज लाईन डालने में शहर के साथ ही सवारी मार्ग को भी खोदा है जिसका संधारण उधडमाप किया गया है।

कलेक्टर का निर्देश ,निगम अधिकारी सम्मेलन में-

कलेक्टर रौशन कुमार सिंह ने गुरुवार को प्रशासनिक अमले के साथ संपूर्ण सवारी मार्ग का निरीक्षण किया । उन्होंने सवारी मार्ग में स्थित होटल संचालको के द्वारा किए जा रहे नवनिर्माण एवं दुकान के सामने रखें सामानों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए शीघ्र अतिशीघ्र नगर निगम के अधिकारियों को अतिक्रमण के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। हाल यह थे कि निरीक्षण के दौरान नगर निगम के सभी जिम्मेदार अधिकारी सम्मेलन में थे । हाल यह रहे कि निरीक्षण के दौरान नगर निगम के सहायक आयुक्त स्तर का अधिकारी भी नहीं देखा गया।

 

 

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