महाकाल के प्रति आस्था इतनी की श्रद्धालु समस्याओं का जिक्र भी नहीं करते 

 

उज्जैन। उज्जैन रेलवे स्टेशन के बाहर का यह नजारा है जहां प्रतिदिन बड़ी संख्या में यात्री इस तरह फर्श पर लेटकर रात बिताते हैं। जिसे जहां जगह मिलती है वह अपने समान फर्श पर रखकर इस तरह कुछ देर आराम कर लेता है। महाकाल लोक बनने के बाद बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या कई गुना बढ़ गई है। इसका असर बस स्टेशन रेलवे स्टेशन पर भी देखने को मिल रहा है। खास बात यह है कि महाकाल दर्शन के लिए बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को यहां आने के बाद जो परेशानी झेलनी पड़ती है वह उसे जाहिर नहीं करते क्योंकि बाबा महाकाल के प्रति उनकी आस्था इतनी होती है कि वह इन समस्याओं का जिक्र करना भी पसंद नहीं करते हैं। अहमदाबाद से आए श्रद्धालु ने बताया कि ट्रेन देर रात उज्जैन पहुंचेगी ऐसे में वह कुछ देर रेलवे स्टेशन के बाहर परिसर में आराम कर रहे हैं। श्रद्धालु ने आगे बताया कि रविवार को महाकाल दर्शन के बाद अन्य देव स्थलों पर भी गए। अब वापस घर लौट रहे हैं जब उनसे पूछा गया कि उज्जैन आने के बाद उन्हें यहां किसी तरह की कोई परेशानी तो नहीं हुई इस पर श्रद्धालु का कहना था कि बाबा महाकाल ने बुलाया था और उज्जैन आकर बाबा महाकाल के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ। भगवान महाकाल कभी भी अपने भक्तों को परेशान नहीं करते हैं। परेशानी किस बात की.. वह इन सबको दर्शन का हिस्सा मानते हैं। कुछ और परिसर में लेटे यात्रियों से पूछा गया तो उनका कहना था कि सुबह ट्रेन है। इस कारण रात्रि विश्राम यहीं कर रहे हैं।
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