महाकालेश्वर मंदिर में लगेगी टंच मशीन, दान में आए सोने की होगी परख
उज्जैन, मध्य प्रदेश – देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक, उज्जैन स्थित श्री महाकालेश्वर मंदिर में अब दान में आने वाले सोने की शुद्धता जांचने के लिए टंच मशीन लगाई जाएगी। यह निर्णय मंदिर समिति ने पारदर्शिता बढ़ाने और मूल्यवान धातुओं की सही पहचान सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया है।
क्या है टंच मशीन?
टंच मशीन एक अत्याधुनिक यंत्र होता है जो सोने की शुद्धता का पता लगाने में सक्षम होता है। यह मशीन कुछ ही मिनटों में बिना किसी नुकसान के बताएगी कि सोना कितना कैरेट का है और उसमें कितनी मिलावट है।
क्यों लिया गया यह निर्णय?
महाकाल मंदिर में हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं और बड़ी मात्रा में सोने-चांदी के आभूषण व नकद दान करते हैं। कई बार ऐसा देखा गया कि दान में आए आभूषण नकली या मिलावटी निकलते हैं, जिससे मंदिर की संपत्ति को नुकसान हो सकता है। इस नई व्यवस्था से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि दान में जो भी सोना आता है, उसकी प्रमाणिकता जांची जा सके।
मंदिर समिति की तैयारी
मंदिर समिति के एक अधिकारी ने जानकारी दी कि टंच मशीन लगाने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है और जल्द ही इसे मंदिर परिसर में स्थापित कर दिया जाएगा। इसके लिए विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है, और मशीन संचालित करने के लिए प्रशिक्षित कर्मचारियों की नियुक्ति भी की जा रही है।
दानदाताओं के लिए पारदर्शिता
इस कदम से ना केवल मंदिर प्रशासन को लाभ होगा, बल्कि श्रद्धालु भी आश्वस्त होंगे कि उनका दिया गया दान सुरक्षित और सही जगह पर इस्तेमाल हो रहा है। मंदिर समिति का मानना है कि पारदर्शिता से श्रद्धालुओं का विश्वास और अधिक मजबूत होगा।
भविष्य की योजनाएं
मंदिर प्रशासन इस पहल को और भी आधुनिक बनाने की योजना पर काम कर रहा है। भविष्य में ऑनलाइन दान ट्रैकिंग सिस्टम और डिजिटल दान रसीद की सुविधा भी शुरू की जा सकती है।
निष्कर्ष
महाकालेश्वर मंदिर में टंच मशीन की स्थापना एक सकारात्मक कदम है जो पारदर्शिता, सुरक्षा और विश्वसनीयता को बढ़ाएगा। इससे दान की शुद्धता जांचना आसान होगा और श्रद्धालुओं को यह विश्वास रहेगा कि उनका अर्पण सही तरीके से उपयोग में लाया जा रहा है।
