उज्जैन। पहली बार ऐसा देखने में आ रहा है कि मई माह के दो पक्षों में लगातार बारिश हो रही है। गर्मी में जहां धूल उडती दिखती है वहां हरियाली नजर आने लगी है। बोवनी के लिए जितनी बारिश की आवश्यकता खेतों में होती है उतना पानी तो प्री-मानसून में ही गिर गया है। खेत-खलिहानों के आसपास खरपतवार के रूप में हरियाली भीषण गर्मी में दिखाई देने लगी है। प्री मानसून के दौर में ही जिले में लगातार बारिश का दौर जारी है।
नौतपा से लेकर गर्मी के मौसम का मौसम चक्र इस बार बिगड़ा और बारिश हो रही है तो आंधी-तूफान भी चल रहा है। इस बीच उमस की गर्मी का दौर भी जारी है। शनिवार को भी दिनभर तेज धूप रही और उमस की गर्मी ने लोगों का हाल बेहाल किया। जिले में आंधी के कारण बिजली कटौती भी अधिक हो रही है। किसान वर्ग भी प्रि मानसून की बारिश को लेकर खरीफ सीजन की फसल को लेकर चिंता में है।
ढाई से तीन इंच बारिश-
पिछले एक माह में जिले में औसत ढाई से तीन इंच बारिश दर्ज की जा चुकी है। भू-अभिलेख के आंकडे ले लिए जाएं या फिर वेधशाला से जारी आंकडों को देखा जाए तो भी जिले में करीब ढाई से तीन इंच बारिश दर्ज की गई है। वेधशाला से जारी विज्ञप्ति के अनुसार प्रि मानसून के दौरान अब तक 73 मिली मीटर बारिश अब तक दर्ज की जा चुकी है।
सातवें दिन भी बादल छाए-
नौतपा के सातवें दिन भी लगातार बादलों के छाए रहने की स्थिति बराबर बनी है। पिछले 6 दिनों में इस दौरान कई बार बारिश हो चुकी है। इसके चलते किसानों में फसल को लेकर संशय की स्थिति बन रही है। मौसम चक्र के बिगडने से किसान के मन में भय का माहौल भी बना हुआ है।
शनिवार का अलर्ट ,शाम तक बारिश नहीं
नौतपा के सातवें दिन शनिवार को भी बारिश का अलर्ट जारी किया गया था। दिन भर की उमस भरी गर्मी के बाद अपरांन्ह में फिर से बादल छा गए थे । देर शाम तक बारिश जैसे हाल बनने लगे थे लेकिन बारिश नहीं हुई थी। उज्जैन को भी बारिश वाले जिलों में शामिल करते हुए सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि अभी मध्यप्रदेश के उपर से एक टर्फ गुजर रही है। वहीं, दो साइक्लोनिक सर्कुलेशन (चक्रवात) भी एक्टिव है। इस वजह से प्रदेश में मौसम का मिजाज बदला हुआ है।खेत तैयार करना भी चुनौती बना-प्री-मानसून में भले ही बारिश का दौर जारी है। लेकिन, मौसम विभाग के अनुसार जिले में मानसून समय पर दस्तक देगा। यानी 15 जून के बाद मानसून दस्तक देगा। किसानों के सामने सबसे बड़ी चिंता मानसून की दस्तक से पहले खरीफ सीजन में फसल की बोवनी के लिए खेतों को तैयार करना है। किसान खेतों में पानी व नमी के कारण खेतों को तैयार नहीं कर पा रहा है। वहीं लगातार हो रही बारिश की नमी के कारण खरीफ सीजन का उत्पादन प्रभावित होने की आशंका किसानों को अभी से सता रहा है।
