भगवान के 4 स्वरूपों के दर्शन के साथ झांकियां और लोकनृत्य भी देखा श्रद्धालुओं ने

उज्जैन। सोमवार को भगवान श्री महाकालेश्वर के चार स्वरूपों के दर्शन श्रद्धालुओं ने एक साथ किए हैं। इस दौरान श्रद्धालुओं को अनंत चौदस की तरह झांकियों एवं जनजातीय लोकनृत्य भी देखने को मिले हैं। करीब 3.50 लाख से अधिक श्रद्धालु सवारी के 4 किलोमीटर मार्ग पर सडक के दोनों और के साथ ही हरसिद्धि पाल, रामघाट, नृसिंह घाट पर भगवान के दर्शन के लिए जुटे थे।

श्रावण –भादौ मास के तहत भगवान श्री महाकालेश्वर की सवारी के क्रम में श्रावण के अंतिम सोमवार को निकली सवारी में भगवान के पालकी में श्री चन्द्रमोलीश्वर, गजराज पर श्री मनमहेश, गरूड रथ पर श्री शिव तांडव प्रतिमा, नंदी रथ पर श्री उमा महेश मुखारविंद के दर्शन श्रद्धालुओं को हुए हैं। अपरांह् में सवारी से पूर्व सभा मंडप में भगवान के श्री चंद्रमोलीश्वर स्वरूप का केबिनेट मंत्री उदयप्रतापसिंह ने पूजन अभिषेक किया । कलेक्टर रोशन कुमार सिंह एवं एसपी प्रदीप शर्मा भी पूजन में शामिल हुए। उसके उपरांत रजत पालकी में भगवान को विराजित कर अतिथियों ने कांधा देकर शहर भ्रमण के लिए विदा किया । मंदिर के मुख्य द्वार पर परंपरानुसार भगवान की सवारी सशस्त्र गारद ने गार्ड आफ आनर दिया । सवारी जैसे –जैसे आगे बढी, सडक के दोनों और खडे श्रद्धालुओं ने भोले शंकर भोले नाथ , हर-हर महादेव का जयघोष करते हुए पालकी पर फूलों के साथ पंखुडियों की बारिश कर भगवान का स्वागत किया।

04 जनजातीय एवं लोक नृत्य दल हुए शामिल-

श्रावण मास की अंतिम सवारी में  04 जनजातीय कलाकारों के दल शामिल हुए हैं। मनीष सिसोदिया के नेतृत्व में प्रदेश से धार का भगोरिया नृत्य , मोजीलाल ड़ाडोलिया के नेतृत्व में छिंदवाड़ा का भारिया जनजातीय भडम नृत्य , उज्जैन के सुश्री कृष्णा वर्मा के नेतृत्व में मटकी लोक नृत्य, राहुल धुर्वे सिविनी के नेतृत्व में गोंन्ड जनजातीय सैला नृत्य दल शामिल हुआ। सभी दल सवारी के साथ प्रस्तुति देते हुए चल रहे थे। जनजातीय लोक नृत्यों के कलाकारों की प्रस्तुति की जुटे श्रद्धालुओं ने जमकर तारीफ की।

पर्यटन स्थल की झाकियाँ भी शामिल-

भगवान की सवारी के चौथे क्रम में इस बार थीम के अनुसार प्रदेश के वन्य जीव पर्यटन, धार्मिक पर्यटन, ऐतिहासिक पर्यटन, ग्रामीण पर्यटन की झाकियां शामिल की गई। वन्य जीव पर्यटन के अंतर्गत प्रदेश के प्रमुख वन्य जीव एवं वन्य जीव पर्यटन स्थल / टाइगर रिजर्व जैसे कान्हा, पेंच, रातापानी एवं पन्ना टाइगर रिजर्व पर आधारित झांकियां शामिल की गई। धार्मिक पर्यटन में उज्जैन के सांदीपनि आश्रम जहां की भगवान श्री कृष्ण ने शिक्षा ली थी के साथ ही ओंकारेश्वर में स्थित आदि शंकराचार्य एकात्म धाम को दिखाया गया। ऐतिहासिक पर्यटन के अंतर्गत ग्वालियर , चंदेरी का किला एवं खजुराहो के मंदिर पर आधारित झांकियां शामिल रही। ग्रामीण पर्यटन ओरछा में संचालित होम स्टे के साथ ही ओरछा मंदिर की प्रतिकृति भी झांकियों में शामिल रही।

शहर में लाईव प्रसारण-

श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर प्रबंध समिति ने फेसबुक पर व सवारी के अंत मे चलित रथ में एल.ई.डी. के माध्यम से सवारी मार्ग में दर्शन हेतु खड़े श्रद्धालुओं को सजीव दर्शन की व्यवस्था की गई । चलित रथ की विशेषता यह रही कि, इसमें लाइव बॉक्स से सवारी का लाइव प्रसारण किया गया। इसके अलावा शहर के  फ्रीगंज, दत्त अखाडा, नानाखेड़ा आदि क्षेत्रों में चलित रथ के माध्यम सवारी का लाइव प्रसारण किया गया।

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