भगवान की आड में प्रबंध समिति का भेदभाव,अव्यवस्था,दुर्व्यवहार का काम भेदभाव के तीन मामले,अलग-अलग कार्रवाई

उज्जैन। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति यहां हो रहे भेदभाव ,अव्यवस्था  एवं दुर्व्यवहार के मामले समग्र समाज में आने पर भगवान और मंदिर की आड लेकर बराबर अपना बचाव कर रही है। पूर्व में भी श्रद्धालुओं के आवाज उठाने पर उनके विरूद्ध पुलिस थाने में प्रकरण दर्ज करवाए गए। महाकाल थाना में श्रद्धालुओं के साथ दर्ज अभद्रता,दुर्व्यवहार,ठगी के दर्ज मामले सामने हैं जिनमें श्रद्धालुओं के साथ मारपीट तक की गई और प्रबंध समिति ने बराबर सुरक्षा एजेंसी को बरकरार रखा है। श्रद्धालुओं के साथ ठगी में प्रबंध समिति के कर्मचारियों पर प्रकरण दर्ज किए गए हैं।

एक जैसे मामलों में प्रबंध समिति बराबर भेदभाव करते हुए उन मामलों को अपने तई निपटा रही है। श्रद्धालुओं के लिए प्रबंध समिति का यह पक्षपात समझ से परे तो है ही इसके साथ ही समाज और खासकर सनातनधर्मियों के लिए प्रश्न चिन्ह के रूप में चर्चा का विषय भी बराबर बन रहा है। प्रबंध समिति उसे लेकर अपनी जागृति दिखाने की बजाय मामलों को ढांकने के लिए अधिक रूचि दिखाती है।

हाल ही के तीन मामले,अलग-अलग कार्रवाई-

मामला-1

कुछ माह पूर्व मंदिर दर्शन के लिए आई एक अधेड महिला बेरिकेडस में धक्के खाने के बाद जब भगवान को निहारने की स्थिति में आई तो उसे सुरक्षा कर्मियों ने आगे धकेल दिया। महिला को इस पर गुस्सा आया और वह सुरक्षा कर्मियों को धकेलते हुए बेरिकेडस फांदकर आगे तक पहुंची और उसने भगवान के दर्शन किए। इस बीच उसे धमकाया गया और सब कुछ किया गया । महिला ने साफ तौर पर कह दिया उसे जेल में बंद कर दें चलेगा लेकिन अब तो भगवान के दर्शन ठीक से ही करूंगी। महिला उद्वेलित इस लिए हुई की जिस दौरान वह बेरिकेडस में धक्के खा रही थी कुछ लोगों को लाकर नंदी हाल से दर्शन करवाए जा रहे थे उसने उस व्यवस्था को देखा और सुरक्षाकर्मियों के धक्के से आगे बढने के निर्देश के साथ ही महिला ने अपना आपा खो दिया।इसके बाद जो कुछ हुआ उसे मिडिया ने बराबर स्थान दिया था। इस मामले में प्रबंध समिति की कार्रवाई मात्र दस्तावेजी ही रही।

मामला-2

विशेष दर्शनार्थी महामंडलेश्वर के गर्भगृह दर्शन के उपरांत पीछे-पीछे 20 जून को जलद्वार से ट्रेक सूट पहने एक युवक ने सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए गर्भगृह में प्रवेश किया था। वहां भगवान को स्पर्श करने के दौरान मंदिर के पुजारियों ने उसे देखा और रोका था। युवक को पकडकर थाना महाकाल को सौंपा गया था। उस पर कार्रवाई करते हुए उसे जेल भेजा गया था। युवक हरसिद्धि क्षेत्र में ही प्रसाद और हार फूल बेचने वाला निकला था।

मामला-3

हाल ही में इंदौर के विधायक गोलू शुक्ला सह पुत्र रूद्राक्ष आए थे। उन्होंने गर्भगृह प्रवेश किया था। वहां कर्मचारी आशीष दुबे से उनकी कहा सूनी हुई थी। मामले में पहले दिन प्रबंध समिति के जिम्मेदार कुछ भी बोलने से बचते रहे। कुछ मिडिया को उन्होंने विधायक की अनुमति होने की बात कहीं थी।स्पष्ट तौर पर प्रबंध समिति ने कोई बयान मिडिया से लिखित में साझा नहीं किया था। बाद में मामले पर जांच बैठाई गई । 7दिन होने पर उप प्रशासक ने मिडिया को एक काकस में लेते हुए बता दिया कि रिपोर्ट बन रही है और प्रारंभिक रूप से 2-3 कर्मचारियों की लापरवाही भी सामने आ रही है। विधायक और उनके पुत्र को लेकर बोलने से भी वे बचते रहे। अब तक रिपोर्ट एवं प्रबंध समिति की कार्रवाई समाज में अपेक्षित की जा रही है।

भगवान को चढावे का कैसर ही गायब-

करीब डेढ माह पूर्व मंदिर में एक श्रद्धालु ने भगवान को एक किलो से अधिक कैसर चढाया था । इसके साथ ही अन्य सामग्री भी थी। चढावे का कैसर भगवान को चढने के बाद जिस द्वार से लाया गया था उसी द्वार से धीरे से बाहर आकर गायब हो जाता है। मामला मिडिया में आने पर प्रबंध समिति के अधिकारियों ने जांच का हवाला दिया और सीसी टीवी कैमरे खंगालने की बात कही लेकिन कैसर आज तक कहां है किसी को जानकारी नहीं है न ही प्रबंध समिति ने इसे लेकर मिडिया से जानकारी साझा की है।

दूरी कम करने पर कोई विचार नहीं-

प्रबंध समिति आम श्रद्धालुओं की भगवान से दूरी को कम करने के प्रति कोई प्रयास करने को तैयार नहीं है। पिछले 10 सालों में बराबर आम श्रद्धालु का बेरिकेडस पीछे खसकता जा रहा है। आम श्रद्धालु की दूरी बराबर बढती जा रही है। वीआइपी कल्चर से ग्रसित प्रबंध समिति नगाडा  द्वार से लाकर उन्हें नंदी के पीछे से दर्शन करवा रही है। प्रबंध समिति के जिम्मेदारों का आम श्रद्धालुओं की भावनाओं को आहत करने का क्रम यहीं नहीं रूकता है ,और खास के आने पर उन्हें जलद्वार से लाकर चांदी द्वार से भगवान के दर्शन करवाए जाते हैं। सामने 50 मीटर दूर से बेरिकेडस में घिरा आम श्रद्धालु भगवान को निहारे उससे पहले ही उसे सुरक्षाकर्मी आगे बढा देते हैं।

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