उज्जैन। नेशनल हॉकर फेडरेशन कि अगुवाई में पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश, राजस्थान, झारखंड, हरियाणा, महाराष्ट्र, दिल्ली सहित 10 राज्यों के प्रतिनिधि शक्तिमान घोष के नेतृत्व में डिप्टी सेक्रेटरी निर्माण भवन में बैठक हुई। जिसमें पथ विक्रेता कानून 2014 को लेकर चर्चा हुई जिसमें बताया कि यह कानून पास करने के बाद 11 वर्ष तक कोई बड़ा काम नहीं हुआ है, सिर्फ 20 से 30 प्रतिशत स्टेट वेंडर का ही सर्वे किया गया है। इसके साथ ही महत्वपूर्ण बातों को लेकर चर्चा की गई। डिप्टी सेक्रेटरी को मध्य प्रदेश की ओर से पहुंचे प्रतिनिधि मंडल ने बताया कि उज्जैन में टीवीसी कमेटी बने 5 साल होने के बावजूद टीवी से कमेटी अध्यक्ष नगर निगम आयुक्त आशीष पाठक द्वारा टीवीसी कमेटी को महत्व नहीं दिया जाता है। बिना टीवीसी कमेटी के सिफारिश के आयुक्त नगर निगम मनमाने आदेश जारी करके बनाए गए ग्रीन झोन से सर्टिफिकेट के बाद भी पथ विक्रेताओं के साथ बेदखली, रोजगार बंद करना, सामान जप्ती करना, पथ विक्रेताओं पर झूठे प्रकरण लगाकर पुलिस में बंद करवाना। यह सब काम नगर निगम आयुक्त द्वारा किया जा रहा है। साथ ही मांग की गई है कि पथ विक्रेताओं के लिए बना कानून 2014 को सख्ती से लागू करते हुए पथ विक्रेताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए उनके अधिकारों की रक्षा करते हुए पुलिस प्रशासन सहयोग करें और नगर निगम उनके लिए हॉकर झोन बनकर दिये जाए। टीवीसी कमेटी का इलेक्शन कराये जिसे 5 वर्ष हो चुके हैं और नगर निगम आयुक्त पथ विक्रेताओं को बेदखल करना बेरोजगार करना बंद करें उनका रोजगार चाहिए। उजाड़ीकरण को रोकने की मांग की गई। इस दौरान ऑल इंडिया जनरल सेक्रेटरी शक्तिमान घोष जम्मू, आनंदजी, अनिता दास, संजय सिंह चौहान, जितेंद्र बहादुर सिंह, प्रताप साहू, आर एस तिवारी, जय व्यास, दिल्ली से राजेश भाई, अनिल बख्शी अन्य साथी उपस्थित रहे।
नेशनल हॉकर फेडरेशन के एक प्रतिनिधिमंडल ने 10 से अधिक राज्यों का प्रतिनिधित्व करते हुए हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स मंत्रालय में उप सचिव डॉ गवली, पराग हर्षद के साथ मुलाकात की। एनएचएफ ने स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट के खराब कार्यान्वयन के बारे में गंभीर चिंता जताई, इसके अधिनियमित होने के 11 साल बाद भी जमीन पर, कानून ने बहुत कम प्रभाव डाला है और विक्रेताओं ने उत्पीड़न और बहिष्कार का सामना करना जारी रखा है।
एनएचएफ ने कहा कि केवल 20-30 प्रतिशत विक्रेताओं को आधिकारिक सर्वेक्षणों में कवर किया गया है, जिससे विशाल बहुमत अदृश्य हो गया है। अधिकांश शहरी स्थानीय निकायों ने या तो टाउन वेंडिंग समितियों (टीवीसी) का गठन नहीं किया है या अधिनियम की भावना का उल्लंघन करते हुए विक्रेता प्रतिनिधित्व को बायपास किया है। निष्कासन बिगड़ गए हैं, अक्सर बिना नोटिस या लिखित आदेशों के बिना किए जाते हैं। एनएचएफ ने दृढ़ता से एक केंद्रीय निगरानी समिति के गठन का आग्रह किया और कार्यान्वयन का आकलन और आगे बढ़ाया। फेडरेशन ने शासन के लिए एक भागीदारी दृष्टिकोण की भी मांग की और इस बात पर जोर दिया कि सड़क विक्रेता हमारी शहरी अर्थव्यवस्था का एक आवश्यक, कम कार्बन हिस्सा हैं।
